रामपुर: आजम खां चार घंटे न्यायिक अभिरक्षा में रहे तब मिली भड़काऊ भाषण मामले में जमानत

अदालत से तीन साल की सजा और छह हजार का लग चुका है जुर्माना, सेंशन कोर्ट में सजा के खिलाफ दायर की गई है अपील

रामपुर: आजम खां चार घंटे न्यायिक अभिरक्षा में रहे तब मिली भड़काऊ भाषण मामले में जमानत

अदालत से जमानत मिलने के बाद बाहर आते आजम खां।

रामपुर, अमृत विचार। सपा नेता आजम खां को भड़काऊ भाषण मामले में जमानत मिल गई है। आजम खां मंगलवार को करीब चार घंटे तक न्यायिक अभिरक्षा में रहे। इस मामले में आजम खां को निचली अदालत से तीन साल की सजा और छह हजार का जुर्माना हो चुका है। आजम खां ने इस मामले में सेशन कोर्ट में अपील दायर कर रखी है। पहले कोर्ट ने उन्हें 22 नवंबर तक अंतरिम जमानत दी थी। 

  • 50-50 हजार के मुचलका और एक जमानती पेश करने पर मिली राहत
  • कोर्ट ने पहले 22 नवंबर तक दी थी आजम खां को अंतरिम जमानत

 मंगलवार को सेशन कोर्ट में अपील की तारीख पर आजम खां करीब साढ़े 12 बजे कोर्ट पहुंचे। सुनवाई के दौरान करीब चार घंटे पुलिस कस्टडी में रहे। 2017 में भाजपा सरकार आने बाद से आजम खां पर कानूनी शिकंजा कसा हुआ है। उन पर करीब 90 से अधिक मुकदमे विचाराधीन हैं। जिसमें कई मामलों में अब तक उनकी सुनवाई चल रही है। एक मामले में 27 अक्तूबर को तीन साल की सजा और छह हजार का जुर्माना हुआ है। यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण देने का था। सजा के अगले दिन ही उनकी विधायकी रद्द हो गई थी। जिसके बाद उन्होंने सेशन कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई लगातार चल रही है। सेशन कोर्ट ने उन्हें 22 नवंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी। इसी भड़काऊ भाषण मामले में मंगलवार को आजम खां अपने समर्थकों के साथ कोर्ट पहुंचे थे। जहां दोनों पक्षों के बीच बहस चली। कोर्ट ने उन्हें 50-50 हजार के दो जमानती पेश करने और 50 हजार रुपये का मुचलका भरने के बाद जमानत प्रदान की। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल भी तैनात रहा। अब अपील पर दो दिसंबर को सुनवाई होना है। कुछ रोज पहले ही आजम खां का वोट डालने का अधिकार भी छीन लिया गया है।

अवलोकन अधिकारी ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट
2019 के लोकसभा चुनाव में आजम खां रामपुर संसदीय सीट से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे। उन्होंने अप्रैल 2019 में अपने चुनाव प्रचार के दौरान मिलक कोतवाली क्षेत्र के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित किया था। इस मामले में वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान की ओर से मामले की रिपोर्ट मिलक कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। 

अभियोजन की मजबूत पैरवी से मिली थी सजा
सरकार की ओर से पैरवी के लिए अभियोजन की टीम उतारी गई थी। जिसमें अभियोजन की ओर से प्रभारी संयुक्त निदेशक अभियोजन संतोष कुमार सिंह, एसपीओ राकेश कुमार मौर्या, पीओ अमरनाथ तिवारी, एपीओ नीरज कुमार, एपीओ ह्दयेश कुमार और एपीओ केके तिवारी की ओर से पैरवी की गई। उनकी मजबूत पैरवी से अभियोजन को सफलता मिली है।

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