Kanpur IIT यूपी में वायु प्रदूषण की बताएगा सही स्थिति, लगेंगे पोर्टेबल एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सैंपलर

Kanpur IIT यूपी में वायु प्रदूषण की बताएगा सही स्थिति, लगेंगे पोर्टेबल एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सैंपलर

Kanpur News: प्रदेश के 75 जिलों में 800 पोर्टेबल एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सैंपलर लगाए जाएंगे। आवासीय, औद्योगिक, व्यावसायिक, भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों पर नजर रहेगी। वायु प्रदूषण फैलाने वाले कारण तलाशे जाएंगे।

कानपुर, शशांक शेखर भारद्वाज। वातावरण में अतिसूक्ष्म तत्व और हानिकारक गैसों के बढ़ते खतरे को कम करने की तैयारी है। सबसे पहले हवा को दूषित करने वाले कारण तलाशे जाएंगे और उन्हें दूर करने की योजना बनाई जाएगी, जिसके लिए आईआईटी कानपुर की मदद ली जा रही है। यहां के विशेषज्ञ प्रदेश के सभी 75 जिलों में करीब 800 पोर्टेबल एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सैंपलर लगाने जा रहे हैं। इनकी मदद से आवासीय, औद्योगिक, व्यावसायिक और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों पर नजर रखी जाएगी। संस्थान के साथ शासन, नगर निगम, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत अन्य विभाग मिलकर कार्य करेंगे। 

उत्तर प्रदेश के कई जिले देश के अत्याधिक प्रदूषित जिलों में आते हैं। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक प्रभावित रहता है। सर्दियों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से लगाए गए एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन की रिपोर्ट चौंकाने वाली आ रही है। अतिसूक्ष्म कण (पीएम 10, पीएम 2.5 और पीएम नैनो), नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड समेत अन्य गैसों का घनत्व काफी ज्यादा बढ़ा हुआ मिल रहा है। वाय प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। इसको बढ़ाने वाले कई कारक हैं, जिनकी जानकारी जुटाने की तैयारी है। आईआईटी कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. सच्चिदानंद त्रिपाठी और उनकी टीम प्रदेश के सभी जिलों के वायु गुणवत्ता सूचकांक की पड़ताल करने जा रही है। यह कार्य कई चरणों में किया जाएगा।

शासन के सहयोग से होगा कार्य

प्रो. सच्चिदानंद त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश भर में वायु प्रदूषण की विस्तार से जांच कराई जाएगी। यहां धूल, गर्द के साथ ही वाहनों के इंजन से निकलने वाला धुआं, कंडे और लकड़ी जलाने का प्रदूषण रहता है। कारखानों से निकलने वाला धुआं और पराली व अन्य कृषि अवशेष जलाना भी एक वजह है। काफी सारा धुआं दूसरे राज्यों से होकर आता है। इसकी जांच के लिए 800 पोर्टेबल एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सैंपलर लगाए जाएंगे।

हर मौसम में देखी जाएगी स्थिति

यह एयर सैंपलर काफी अत्याधुनिक हैं, जिससे हर मौसम में वायु प्रदूषण की स्थिति को देखा जाएगा। दिन, रात और दोपहर के वक्त नजर रखेंगे। इन रिपोर्ट और आंकड़ों की मैथमेटिकल मॉडलिंग कराई जाएगी, जिससे हवा में दूषित गैसों और कणों की सटिक स्थिति पता चलेगी।

कई शहरों में चल रहा कार्य

निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि संस्थान के विशेषज्ञ जयपुर, चेन्नई, गुवाहाटी, बिहार में कार्य कर रहे हैं। लखनऊ में 70, जयपुर, चेन्नई, गुवाहाटी में 40 सेंपलर लग चुके हैं। बिहार में 550 एयर सैंपलर जल्द ही स्थापित किए जा रहे हैं।

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