प्रोफेसर पाठक की जहां-जहां रही पोस्टिंग एसटीएफ ने डाला डेरा, करीबी रहे अजय जैन को किया गिरफ्तार

प्रोफेसर पाठक की जहां-जहां रही पोस्टिंग एसटीएफ ने डाला डेरा, करीबी रहे अजय जैन को किया गिरफ्तार

अमृत विचार लखनऊ। एक करोड़ 41 लाख की रिश्वतखोरी के आरोप में फंसे कानपुर विवि के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की जहां-जहां पोस्टिंग रही है, एसटीएफ की टीम ने वहां-वहां डेरा डाल रखा है। इसके साथ ही  एसटीएफ ने विनय पाठक के करीबी अजय जैन को भी आज गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा …

अमृत विचार लखनऊ। एक करोड़ 41 लाख की रिश्वतखोरी के आरोप में फंसे कानपुर विवि के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की जहां-जहां पोस्टिंग रही है, एसटीएफ की टीम ने वहां-वहां डेरा डाल रखा है। इसके साथ ही  एसटीएफ ने विनय पाठक के करीबी अजय जैन को भी आज गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि अजय जैन आरोपी विनय पाठक के पैसे को मैनेज करता था। गिरफ्तार आरोपी के पास से 10 लाख नगद भी बरामद हुआ है।

वहीं एसटीएफ ने पाठक के संपर्क में रहने वाले लोगों की एक सूची तैयार किया है। सूची में शामिल सभी लोगों की कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। जिससे साफ हो सके कि पाठक द्वारा चलाए जा रहे इस खेल में कौन-कौन उनका साथ दिया था।

बता दें कि कानपुर की छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी के कुलपति (वीसी) विनय कुमार पाठक के खिलाफ बिल पास करने के नाम पर कमीशन की रकम वसूलने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है। ये कमीशन खोरी का मामला आगरा के अंबेडकर यूनिवर्सिटी के अतिरिक्त प्रभार के दौरान का है। प्रदेश के शिक्षा जगत में विनय पाठक चर्चित नाम हैं। विनय को एक ऐसे शख्स के तौर पर माना जाता है जिसने जो चाहा वह किया।

अब एसटीएफ ने कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी, लखनऊ के अब्दुल कलाम आजाद टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू), ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा यूनिवर्सिटी लखनऊ, आगरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी समेत अन्य जगहों पर एसटीएफ की अलग-अलग टीमों ने डेरा डाल रखा है। जहां विश्वविद्यालय के कर्मचारियों समेत अधिकारियों से पूछताछ कर ब्योरा जुटाई जा रही है।

सूत्रों की माने तो कई लोगों के मोबाइल फोन को भी कब्जे में लिया गया है। एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि जांच में पता लगा है कि पाठक ने अपनी तैनाती के दौरान पहले तो करीबी लोगों को विभिन्न पदों पर लगाया और अगर कहीं कोई करीबी नहीं मिला तो दूसरे विश्वविद्यालयों से बुलाकर नियुक्ति करके उसे जिम्मेदारी सौंपी। ये लोग पाठक के इशारे पर हर तरह के काम करते रहे।

20 अधिकारियों-कर्मचारियों को शहर छोड़कर जाने पर पाबंदी
प्रो. विनय कुमार पाठक के खिलाफ जांच में उनका साथ देने वाले अलग-अलग विश्वविद्यालयों के करीब 20 अधिकारियों-कर्मचारियों के शहर छोड़कर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। एसटीएफ ने इन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को फोन करके इसकी जानकारी दी है। इसके बाद से ही विश्वविद्यालयों में और भी खलबली मची है। साथ ही फाइलों को मेंटेन करने का काम भी शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि इन सभी लोगों से जल्द ही एसटीएफ पूछताछ करेगी।

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