मुरादाबाद : महापौर सीट का आरक्षण तय नहीं, दावेदार तैयार

मुरादाबाद,अमृत विचार। शासन ने अभी तक महापौर सीट का आरक्षण तय नहीं किया है। मगर सपा में लड़ाके इसके लिए अभी से तैयार हैं। पार्टी के सिंबल पर महापौर बनने को आतुर दावेदार अपनी चुनौती रख रहे हैं। ऐसे में उनके आवेदन में जीत के आधार और अन्य बिंदुओं की परख होगी। शनिवार को चुनाव …
मुरादाबाद,अमृत विचार। शासन ने अभी तक महापौर सीट का आरक्षण तय नहीं किया है। मगर सपा में लड़ाके इसके लिए अभी से तैयार हैं। पार्टी के सिंबल पर महापौर बनने को आतुर दावेदार अपनी चुनौती रख रहे हैं। ऐसे में उनके आवेदन में जीत के आधार और अन्य बिंदुओं की परख होगी। शनिवार को चुनाव प्रभारियों की उपस्थिति में दावेदार आवेदन जमा करेंगे।
नगर निगम के बोर्ड पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है। समाजवादी पार्टी के 17 पार्षद हैं जो भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर है। कांग्रेस के 10 और बसपा के पांच पार्षद हैं। इस बार चुनाव में भाजपा को बाहर के साथ ही अंदर की चुनौतियों से भी जूझना है। वर्तमान महापौर विनोद अग्रवाल के प्रभाव में पिछले कई बार के चुनाव में महापौर का पद रहा। कभी वह तो कई बार उनकी पत्नी महापौर रहीं हैं। ऐसे में पार्टी के अंदर ही उनके कई राजनीतिक प्रतिद्वंदी इस बार इस सीट पर अपनी पसंद के उम्मीदवार को देखना चाहते हैं। वहीं समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव में छह में पांच सीट जीतकर उत्साहित है। भले ही प्रदेश में भाजपा की सरकार है, लेकिन मुरादाबाद में छह में पांच विधायक और सांसद की सीट सपा के पास है। इसी मजबूती के बूते सपा महापौर की कुर्सी इस बार हथियाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
प्रत्याशी चयन में समाजवादी पार्टी फूंक फूंककर कदम रख रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर शनिवार को दिन में 11 से एक बजे तक जिला कार्यालय पर नगर निकाय चुनाव प्रभारी मनोज पारस पूर्व मंत्री व विधायक, रफीक अंसारी विधायक और निवर्तमान अध्यक्ष डीपी यादव, महानगर अध्यक्ष शाने अली शानू के सामने दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर चुनौती का आधार भी बताएंगे। निवर्तमान जिलाध्यक्ष का कहना है कि सभी दावेदार आजीवन सदस्यता रसीद, सक्रिय रसीद के साथ आवेदन कर सकते हैं। जीत का आधार और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को देखकर जिताऊ प्रत्याशी को पार्टी की नीतियों के अनुसार अवसर मिलेगा।
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