बरेली: बकाया भुगतान किया नहीं और केसर शुगर मिल में पेराई सत्र शुरू

बरेली: बकाया भुगतान किया नहीं और केसर शुगर मिल में पेराई सत्र शुरू

बहेड़ी, अमृत विचार। मुख्यमंत्री ने डीएम को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि जो चीनी मिलें बकाया भुगतान नहीं कर रही हैं। उनमें पेराई सत्र शुरू न होने दें लेकिन बहेड़ी की केसर शुगर मिल में सोमवार को ही पेराई सत्र शुरू हो गया। जबकि बकाया भुगतान न मिलने पर किसानों ने प्रदर्शन भी किया। सोमवार …

बहेड़ी, अमृत विचार। मुख्यमंत्री ने डीएम को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि जो चीनी मिलें बकाया भुगतान नहीं कर रही हैं। उनमें पेराई सत्र शुरू न होने दें लेकिन बहेड़ी की केसर शुगर मिल में सोमवार को ही पेराई सत्र शुरू हो गया। जबकि बकाया भुगतान न मिलने पर किसानों ने प्रदर्शन भी किया। सोमवार को मिल परिसर में सीएमडी हर्ष आर किलाचंद की मौजूदगी में हवन पूजन के साथ पेराई सत्र शुरू हुआ।

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सीएमडी ने डनलप से गन्ना तुलवाने आए गांव सकरस के किसान झुंडे सिंह के बैलों के तिलक कर गुड़ खिलाकर माला पहनाई। झुंडे सिंह को अंग वस्त्र व नकद ईनाम दिया। इसके बाद मिल के अध्यक्ष शरत मिश्रा, अधिकारियों के साथ पटल पर नारियल फोड़ने के बाद गन्ना डालकर मिल को विधिवत आरंभ कराया। पुरोहित राजेश शास्त्री ने सभी धार्मिक कार्य सम्पन्न कराए। इस मौके पर मिल के बी रंगनाथन, दिलीप देसाई, विकास शर्मा तथा शिव हरि शर्मा समेत सभी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

गन्ना भुगतान में लेटलतीफी को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन
पेराई सत्र के शुरुआत होने की खबर पाकर मिल गेट पर तमाम किसान इकट्ठा हो गए और बकाया मूल्य भुगतान में देरी को कर नाराजगी जताते हुए तौल न होने देने को लेकर गेट पर ही प्रदर्शन करने लगे। बाद में किसानों में से ही कुछ लोगों के समझाने बुझाने के बाद सभी लोग वापस लौट गए।

चीनी मूल्य में बढ़ोत्तरी न होना भी भुगतान में देरी की बड़ी वजह
 पिछले तीन सालों में चीनी के मूल्य में कोई बढ़ोतरी न होने और अन्य खर्च बढ़ने, पावर प्लांट में घाटा सहित कई अन्य वजहें रहीं, जिससे गन्ना किसानों का समय से भुगतान नहीं हुआ है। मिल प्रबंधन, खुरपिया फार्म की सम्पत्ति तथा कुछ और साधनों के जरिए 31 दिसंबर तक बकाया भुगतान कर देने के लिए कटिबद्ध है। मिल प्रबंधन की नीयत साफ है।

ये कहना है सीएमडी हर्ष आर किला चंद और मिल के अध्यक्ष शरत मिश्रा का। संयुक्त प्रेसवार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि किसान मिल की स्थिति को भलीभांति समझते हैं। यही वजह है कि ऐसी स्थिति में भी क्षेत्र में गन्ने का रकबा पिछले सालों की तुलना में पांच हजार बढ़कर 31 हजार हेक्टेयर हो गया। बताया कि मिल प्रबंधन ने इस पेराई सत्र में 1.15 करोड़ क्विंटल गन्ना पेरने का लक्ष्य रखा है जिसे वे किसानों के सहयोग से हासिल कर लेंगे। मिल की ओर से 56 तौल केंद्र स्थापित किए गए हैं। सोमवार को पहले दिन मिल में 45 हजार क्विंटल गन्ना पहुंचा। पेराई क्षमता करीब 67 हजार क्विंटल रोजाना गन्ना पेरने की है।

धामपुर बायो आर्गेनिक मिल ने गन्ना खरीद को 52 केंद्र स्थापित कराए
मीरगंज-
पेराई सत्र शुरू होने से पहले धामपुर बायो आर्गेनिक मिल ने तैयारियां तेज कर दी हैं। 3 नबम्बर को मिल चलाने की तैयारी है। कारखाना प्रबंधक तरुण बंसल ने बताया कि गन्ना खरीद को 52 सेंटर वर्तमान में लग गए हैं। कुल 62 सेंटर लगने हैं। केंद्रों पर पीने के लिए पानी की व्यवस्था, जानवरों के चारे व पानी की व्यवस्था की गई है।

कांटों की व्यवस्था भी पूरी है। कांटों पर रहने के लिए चौकीदार की व्यवस्था रहेगी। तुलाई कार्य शुरू हो जाएगा, तब तौल बाबू कांटों पर पहुंचेंगे। आवागमन के लिए रास्ता अभी सही है, बारिश होने के बाद रास्ते सही हो गए हैं। ज्यादा आवागमन होने से रास्ता प्रभावित हो सकता है। इकाई प्रमुख आशीष शर्मा ने बताया कि इस बार पेराई सत्र में 1.20 करोड़ क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा है। गन्ना मूल्य भुगतान में इस बार भी अग्रणी रहने का लक्ष्य तय किया है। डीबीओएल प्रबंधन हमेशा गन्ना किसानों को अपने परिवार का सदस्य मानकर चला है।

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