रुद्रपुर: नानकमता साहिब की मर्यादा को खंडित करने पर भड़के सिख संगठन

रुद्रपुर, अमृत विचार। नानकमता साहिब की मर्यादा को खंडित करने का प्रकरण धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। जिसके चलते आवास विकास गुरुद्वारे में सिख संगठन और तराई सिख महासभा की एक संयुक्त आपात बैठक हुई। जिसमें सगठन के पदाधिकारियों ने धार्मिक मर्यादा को भंग करने पर रोष जताया और पांच निर्णय लिए। इस दौरान …
रुद्रपुर, अमृत विचार। नानकमता साहिब की मर्यादा को खंडित करने का प्रकरण धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। जिसके चलते आवास विकास गुरुद्वारे में सिख संगठन और तराई सिख महासभा की एक संयुक्त आपात बैठक हुई। जिसमें सगठन के पदाधिकारियों ने धार्मिक मर्यादा को भंग करने पर रोष जताया और पांच निर्णय लिए। इस दौरान संगठन व महासभा के अलावा गुरुद्वारों के पदाधिकारियों सहित कई और संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया।
सोमवार को हुई आपात बैठक में वक्ताओं का आरोप था कि नानकमत्ता साहिब में अक्टूबर माह में डेरा कार सेवा में नामधारी संप्रदाय के द्वारा अकाल तख्त साहिब की मर्यादा के उलट अरदास की गई। जिसमें पूर्व कमेटी के मुखियां की भूमिका संदिग्ध है। इस दौरान निर्णय लिया गया कि अकाल तख्त साहिब के सामने नानकमता गुरुद्वारे की जमीन जायदाद को खुर्दबुर्द व मर्यादा का उल्लंघन करने वाले बाबा को सिख पंथ से बर्खास्त किया जाए।
संगत द्वारा बाबा बचन सिंह से अपील कर कथित बाबा को दिल्ली वाली कार सेवा संस्था से निष्काषित करने, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नानकमत्ता साहिब से गुरु मर्यादा का उल्लंघन करने वाली कार सेवा को कार सेवा से मुक्त करने, इलाके की संस्थाओं और मुखियों से बयान देकर अपनी नाराजगी जताने, नानकमत्ता सोसायटी के नवीनीकरण में अड़चन डालने वाले पदाधिकारियों को पदमुक्त करने की मांग की। इस दौरान प्रीतम सिंह संधू ने बताया कि तराई सिख महासभा ने पिछले 14 सालों से गुरद्वारा नानकमत्ता साहिब की जमीन जायदाद को बचाने के लिए और नानकमत्ता साहिब की कमेटी बनाने के लिए संघर्ष कर कमेटी का चुनाव करवाया।
आह्वान किया कि सिख संगत इस लड़ाई को तब तक लड़ती रहेगी, जब तक धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों को सजा नहीं दी जाती। इस दौरान तराई सिख महासभा भाई मनी सिंह ग्रंथी सभा,खालसा परिवार सहित कई गुरुद्वारों के पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर जसबीर सिंह विर्क, विश्राम सिंह, फतेहजीत सिंह, डा. केहर सिंह, करनैल सिंह लखीमपुर, पाल सिंह सीतापुर, जगदेव सिंह लुधियाना, जागीर सिंह जख्मी, सलविंदर सिंह कलसी, बलकार सिंह बिलसिंडा, दिलबाग सिंह निगोई, संतोख सिंह रंधावा, सतनाम सिंह, रणजीत सिंह, सर बजीत सिंह, अंतरप्रीत सिंह, हरी सिंह, महिंदर सिंह बसिंघा, जसबीर सिंह बहेड़ी, दरबारा सिंह पलिया सहित आदि मौजूद रहे।