भारतीय छात्रों द्वारा बनाई इस कार की दुनियाभर में तारीफ, आप भी जानिए खासियत
तिरुवनंतपुरम। तिरुवनंतपुरम के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज बार्टन हिल के इंजीनियरिंग छात्रों द्वारा डिजाइन की गई एक इलेक्ट्रिक कार ने शेल ईको-मैराथन (SEM) 2022 की इंटरनेशनल एनर्जी एफिशिएंसी कॉम्पीटिशन में अवॉर्ड जीता है। यह इंडोनेशिया में पर्टामिना मंडलिका सर्किट में आयोजित किया गया था। शेल इको-मैराथन एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है जहां कई देशों के छात्र हाई …
तिरुवनंतपुरम। तिरुवनंतपुरम के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज बार्टन हिल के इंजीनियरिंग छात्रों द्वारा डिजाइन की गई एक इलेक्ट्रिक कार ने शेल ईको-मैराथन (SEM) 2022 की इंटरनेशनल एनर्जी एफिशिएंसी कॉम्पीटिशन में अवॉर्ड जीता है। यह इंडोनेशिया में पर्टामिना मंडलिका सर्किट में आयोजित किया गया था। शेल इको-मैराथन एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है जहां कई देशों के छात्र हाई माइलेज के साथ इंटरनल कंब्शन इंजन (ICE) और इलेक्ट्रिक दोनों कारों का डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग करते हैं।
इस कॉम्पीटिशन के दौरान बार्टन हिल इंजीनियरिंग कॉलेज के मैकेनिकल स्ट्रीम के 19 छात्रों की टीम प्रवेगा (Pravega) उन पांच टीमों में से एक थी, जिन्होंने इस आयोजन के इंटरनेशनल लेवल के लिए भारत से क्वालीफाई किया था। यह उपलब्धि हासिल करने से पहले छात्रों को इंटरव्यू और टेस्टिंग के कई फेज को क्लियर करना पड़ा था। इस प्रोटोटाइप इलेक्ट्रिक कार वैंडी (Vandy) को तैयार करने में इस टीम को करीब 10 महीने लगे। वैंडी का वजन करीब 80Kg है। इसकी टॉप स्पीड 27 किमी प्रति घंटा है।
वैंडी का डिजाइन टाइगर शार्क की बायोमिमिक्री बेस्ड है। यह समुद्र में प्लास्टिक और इस तरह के अन्य कचरे को खाने के लिए जाने जाते हैं। कार की बॉडी स्ट्रीमलाइन टाइगर शार्क जैसी लगती है। इसे पुनर्नवीनीकरण-बायोडिग्रेडेबल PLA, 3D प्रिंटेड और बारीकी से कड़े संरचना प्रारूप में इकट्ठा किया जाता है। जबकि अंडरबॉडी को एक मिश्रित से बनाया गया है, जो रीसाइकिल किए गए कपड़े और ग्लास फाइबर से बनाए गए हैं। सेफ्टी के लिए इस कार में ड्राइवर ड्राउजीनेस डिटेक्शन सिस्टम दिया है। यह सिस्टम नॉन-इंट्रूसिव सेंसर का इस्तेमाल करता है। यह AI के जरिए यह पता लगता है कि ड्राइवर ड्राइविंग के लिए फिट है या नहीं। वैंडी इलेक्ट्रिक ड्राइवट्रेन में एक इनोवेटिव बैटरी थर्मल मैनेजमेंट सिस्टम दिया है। जिसे टीम ने PCM 1-टेट्राडेकैनॉल का इस्तेमाल करके तैयार किया है।
प्रवेगा की टीम लीडर कल्याणी एस. कुमार ने कहा, “यह वास्तव में हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस परियोजना ने हमें कुछ ऐसा बनाने के लिए अपने इंजीनियरिंग कौशल का उपयोग और विस्तार करने का एक अनूठा मौका दिया, जो टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल हो। हम उन सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने हमें समर्थन दिया। विशेष रूप से एसिया टेक्नोलॉजीज के लिए, उनकी अमूल्य सलाह के लिए जब हमने इस मिशन को शुरू किया। प्रवेगा को केरल में CSP मनंतवाडी में आयोजित औद्योगिक सुरक्षा पर उनके कार्यक्रम के दौरान एडिशनल स्किल एक्विजिशन प्रोग्राम से पर्याप्त समर्थन मिला।
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