हल्द्वानी: दरोगा भर्ती – जालसाजों पर एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में विजिलेंस

हल्द्वानी, अमृत विचार। 2015 दरोगा भर्ती घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस को आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के शासन ने जारी कर दिए हैं और अब विजिलेंस करीब आधा दर्जन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने जा रही है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर रात तक विजिलेंस सभी के खिलाफ मामला …
हल्द्वानी, अमृत विचार। 2015 दरोगा भर्ती घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस को आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के शासन ने जारी कर दिए हैं और अब विजिलेंस करीब आधा दर्जन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने जा रही है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर रात तक विजिलेंस सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर देगी। कुमाऊं में इस वक्त 2015 बैच के 120 दरोगा तैनात हैं और अब गलत तरीके से भर्ती हुए दरोगाओं की सांसें हलक में अटकी हैं।
वर्ष 2015 में पंतनगर विश्वविद्यालय ने दरोगाओं के 339 पदों पर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। भर्ती के सात साल बाद भर्ती में धांधली की जांच विजिलेंस को सौंपी गई। पिछले माह एसपी विजिलेंस प्रह्लाद मीणा के साथ आठ सदस्यीय टीम पंतनगर विश्व विद्यालय पहुंची और अहम दस्तावेज खंगाले। तब एसपी विजिलेंस प्रह्लाद मीणा ने दावा किया था कि कई लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के ठोस सुबूत मिले हैं। जिसके बाद मामले में शासन से केस दर्ज कराने की अनुमति मांगी गई थी।
मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने एक माह से भी कम समय में सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति दे दी। विजिलेंस के अधिकारी इस मामले पर अभी कुछ भी खुल कर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि वह शुक्रवार रात तक सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लेंगे।
फिलहाल, सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस की जांच में करीब आधा दर्जन लोग आरोपी हैं और इन सभी के खिलाफ केस दर्ज होंगे। माना जा रहा है कि इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
कुमाऊं में भी कई दरोगा अधिकारियों के निशाने पर हैं और इसकी वजह है इन दरोगाओं की कार्यशैली। वर्ष 2015 में भर्ती हुए कुल 339 दरोगाओं में से 120 कुमाऊं में अहम थाने और चौकियों में तैनात हैं। खास बात ये है कि सबसे ज्यादा 46 दरोगा उस ऊधमसिंहनगर में तैनात हैं, जहां यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले के चक्कर में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं। इसके बाद 2015 बैच वाले सबसे ज्यादा 38 दरोगाओं की तैनाती नैनीताल जिले में है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग को भेजा था प्रस्ताव
हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दरोगा भर्ती जांच के लिए पुलिस मुख्यालय से गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था। जिसके बाद शासन ने दरोगा भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस टीम को सौंपी। विजिलेंस की प्राथमिक जांच में कई लोग आरोपी बन चुके हैं। अब ये जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी और कई बड़े नाम उजागर होने की संभावना है। बता दें कि वर्ष 2015 में हुई जब ये दरोगा भर्ती हुई, उस वक्त राज्य में कांग्रेस की सरकार थी।
इन जिलों में तैनात हैं 2015 बैच के इतने दरोगा
ऊधमसिंहनगर- 46
नैनीताल- 38
अल्मोड़ा- 7
बागेश्वर- 7
पिथौरागढ़- 15
चम्पावत- 7
ऊधमसिंहनगर से सफल हुए थे सबसे ज्यादा युवा
हल्द्वानी। दरोगा भर्ती घोटाले में ऊधमसिंहनगर जिले का जसपुर विजिलेंस के निशाने पर हो सकता है और इसकी वजह है यूकेएसएसएससी परीक्षा। दरोगा भर्ती में ऊधमसिंहनगर से 50 अधिक युवा सफल हुए थे और इनमें 20 से अधिक दरोगा जसपुर से चयनित हुए थे। जसपुर वही जगह है जहां से यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले में सबसे अधिक गिरफ्तारियां हुईं। अब जसपुर में ये सब संयोग से हुआ या फिर सुनियोजित, ये जांच में सामने आएगा।
जांच में कई लोगों के नाम उजागर हुए हैं। हमें शासन से केस दर्ज कराने की अनुमति मिल चुकी है। जल्द ही इस मामले में कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा।
– अमित सिन्हा, डायरेक्टर विजिलेंस