DGCI ने दी सीरम इंस्टीट्यूट को इजाजत, अब ब्रिटेन को मलेरिया का टीका किया जाएगा निर्यात

नई दिल्ली। भारत के औषधि नियामक ने भारत में उत्पादित पहले मलेरिया रोधी टीके को ब्रिटेन को निर्यात करने की इजाजत सीरम इंस्टीट्यूट को दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। यह टीका ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है और इसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया है। भारत …
नई दिल्ली। भारत के औषधि नियामक ने भारत में उत्पादित पहले मलेरिया रोधी टीके को ब्रिटेन को निर्यात करने की इजाजत सीरम इंस्टीट्यूट को दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। यह टीका ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है और इसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया है। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने दो लाख टीके भेजने की मंजूरी दी है।
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आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने 27 सितंबर को डीसीजीआई के समक्ष मलेरिया रोधी टीका निर्यात करने की अनुमति को लेकर आवेदन दायर किया था। इसके बाद यह कदम सामने आया है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि सिंह ने आवेदन में कहा, “एसआईआई ने हमारे मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आदर सी पूनावाला के नेतृत्व में मलेरिया के खिलाफ टीका विकसित किया है।
हम अपने देश और दुनिया को बड़े पैमाने पर मलेरिया के खिलाफ भारत में निर्मित और विश्व स्तरीय टीके उपलब्ध कराने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।” वर्तमान में, विश्व स्तर पर मलेरिया के खिलाफ केवल एक टीका उपलब्ध है और जीएसके इसका निर्माता है।
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