रामपुर: कोर्ट का आदेश, शपथ पत्र या फिर वीसी के जरिए बयान दर्ज कराएं आजम
रामपुर, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव 2019 में मिलक में सभा के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में अब कोर्ट ने शपथ पत्र या फिर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में बयान दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। इससे पहले 21 सितंबर को आजम खां के लिए व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के आदेश हुए …
रामपुर, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव 2019 में मिलक में सभा के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में अब कोर्ट ने शपथ पत्र या फिर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में बयान दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। इससे पहले 21 सितंबर को आजम खां के लिए व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के आदेश हुए थे।
आजम खां के कोर्ट में पेश नहीं होने पर उनके अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र देकर बीमार होने की सूचना दी थी। इस पर सीएमओ को मेडिकल बोर्ड गठित कर रिपोर्ट देने के आदेश हुए थे। आजम खां के मेडिकल बोर्ड को नहीं मिलने पर अब नए आदेश दिए गए हैं। अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।
आजम खां के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली में भड़काऊ भाषण देने की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। आजम खां के भाषण का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके आधार पर वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान ने मिलक कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना के बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। इस मामले में आजम खां जमानत पर चल रहे हैं। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में हो रही है।
इस मामले में विवेचक सहित पांच गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 21 सितंबर को आजम खां को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया था। बुधवार को सुनवाई के दौरान आजम खां के अधिवक्ता की ओर से हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र और सेहत से संबंधित दस्तावेज दाखिल किए थे। जिसमें कहा था कि आजम खां की तबीयत खराब है वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकते।
कोर्ट ने सुनवाई करते सीएमओ को मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच रिपोर्ट 23 सितंबर को पेश करने के आदेश दिए थे। शुक्रवार को सीएमओ ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर कहा कि आजम खां के बारे में पता नहीं चल रहा है। जिस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि आजम खां दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी थी।
शनिवार को कोर्ट ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता से कहा है कि आजम खां वीसी के जरिए या फिर शपथपत्र के तौर पर बयान दर्ज कराएं। अब इस मामले में 27 सितंबर को अधिवक्ता को जवाब देना है। वहीं सीएमओ को आजम खां जब नहीं मिले तो उन्होंने भी कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी है।
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