अयोध्या : योगी जी के मंदिर प्रकरण में कानूनगो को सौंपी गई जांच
अमृत विचार, अयोध्या। चंद दिनों के भीतर तीसरी बार ‘ अमृत विचार’ की खबर का बड़ा असर हुआ। शनिवार को ‘ बंजर भूमि कब्जाने को बनवाया योगी का मंदिर’ शीर्षक से प्रकाशित खबर को सोहावल तहसील प्रशासन ने संज्ञान में लिया है। एसडीएम सोहावल मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कानूनगो को पूरे मामले की जांच के …
अमृत विचार, अयोध्या। चंद दिनों के भीतर तीसरी बार ‘ अमृत विचार’ की खबर का बड़ा असर हुआ। शनिवार को ‘ बंजर भूमि कब्जाने को बनवाया योगी का मंदिर’ शीर्षक से प्रकाशित खबर को सोहावल तहसील प्रशासन ने संज्ञान में लिया है। एसडीएम सोहावल मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कानूनगो को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। तीन दिन के अंदर पूरी जांच रिपोर्ट तलब की है। अमृत विचार में खबर प्रकाशित होने के बाद शनिवार को शिकायतकर्ता के गांव मौर्य का पुरवा कल्याण भदरसा में मीडिया के लोगों की आवाजाही तेज रही।
एसडीएम श्री श्रीवास्तव ने शनिवार को बताया कि इसे एक गंभीर प्रकरण मानते हुए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया निर्मित मंदिर की भूमि पैमाइश के लिये कानूनगो व लेखपाल को निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्व अभिलेखों को भी निकलवाया जा रहा है। संबधित भूमि की खतौनी का भी परीक्षण कराया जायेगा।
उन्होंने बताया कि पैमाइश होने के बाद ही भूमि की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। उन्होंने बताया कि यदि शिकायत सही पाई गई तो आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं कल्याण भदरसा क्षेत्र के कानूनगो दयाराम वर्मा ने बताया कि भूमि की पैमाइश के लिये निर्देश मिला है। तीन दिन में पैमाइश पूरी करके रिपोर्ट सौंप दी जायेगी। इसके लिए लेखपाल सूर्यभान पाठक के नेतृत्व में टीम भूमि की पैमाइश करेगी। कानूनगो ने बताया कि संबधित मामलें में विवाद की स्थिति न उत्पन्न हो इसके लिए पैमाइश के दौरान पूराकलंदर थाने की पुलिस को भी लिखा गया है।
वहीं शनिवार को इसे लेकर तहसील प्रशासन में काफी खलबली मची रही। खबरिया चैनल के लोगों का कल्याण भदरसा गांव में जमावड़ा लगा रहा। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनवाने वाले प्रभाकर मौर्य पर उन्हीं के सगे चाचा ने गंभीर आरोप लगाया था। चाचा रामनाथ मौर्य का आरोप है कि भूमि पर कब्जा करने की नीयत से योगी का मंदिर बनवाया गया है।आरोप लगाया है कि बड़े भाई जगन्नाथ और उनकी भूमि मुस्तरका है।
बड़े भाई के पुत्र प्रभाकर मौर्य द्वारा बटवारे के बाद भी उसका हिस्सा नहीं दिया जा रहा है। जिसे लेकर कई बार विवाद की स्थिति हुई लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। आरोप है कि जिस भूमि पर योगी का मंदिर बनवाया गया है वह ग्राम समाज की बंजर भूमि है। बता दे कि शुक्रवार को तहसीलदार सोहावल से बात की गई तो उन्होंने मामला संज्ञान में न होने की बात कही। शनिवार को जब अमृत विचार में प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित हुई तो तहसील प्रशासन जागा।
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