बदायूं: जामा मस्जिद को शिव मंदिर बताने वाली याचिका पर अब चार अक्टूबर को होगी सुनवाई

बदायूं, अमृत विचार। शहर की जामा मस्जिद शमसी की जगह नीलकंठ महादेव शिव मंदिर होने वाली याचिका पर गुरुवार को कोई सुनवाई नहीं हो सकी। इसकी वजह यह रही कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से दाखिल की गई याचिका से संबंधित गजट अभी तक प्रकाशित नहीं हो सका। अदालत ने सुनवाई के लिए …

बदायूं, अमृत विचार। शहर की जामा मस्जिद शमसी की जगह नीलकंठ महादेव शिव मंदिर होने वाली याचिका पर गुरुवार को कोई सुनवाई नहीं हो सकी। इसकी वजह यह रही कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से दाखिल की गई याचिका से संबंधित गजट अभी तक प्रकाशित नहीं हो सका। अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख चार अक्टूबर इस बात के लिए निर्धारित की है की दावा पोषणीय है अथवा नहीं।

उधर, प्रतिवादी के प्रार्थना पत्र आदेश 7 नियम 11 पर वादी की ओर से गुरुवार को आपत्ति दाखिल की गई। प्रतिवादी पक्ष का अपनी अर्जी में कहना है कि दावा आदेश 7 निमय 11 सीपीसी के तहत खारिज किया जाए। अदालत ने इन सभी की सुनवाई के लिए अगली तारीख 4 अक्टूबर नियत की है।

अदालत ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट कर दिया कि वर्तमान में जामा मस्जिद की ओर से असरार अहमद आदि ही अधिवक्ता हैं। क्योंकि वादी पक्ष की ओर से गुरुवार को यह प्रश्न उठाया गया कि असरार अहमद ने किस हैसियत से नकलें देने के लिए प्रतिवादी की ओर से अर्जी दी है। सिविल जज सीनियर डिवीजन विजय कुमार गुप्ता ने प्रतिवादी को नकलें दिलाए जाने के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लेने से यह स्पष्ट कर दिया कि असरार अहमद ही प्रतिवादी के अधिवक्ता हैं।

अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने शहर के सोथा मोहल्ला स्थित जामा मस्जिद की जगह नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया है। हिंदू महासभा का कहना है कि जामा मस्जिद की जगह राजा महिपाल का किला था, उसी किले में मंदिर बना हुआ था। बाद में राजा महिपाल का किला और मंदिर ध्वस्त करके जामा मस्जिद शमसी बना दी गई।

हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश सिंह पटेल की ओर से 8 अगस्त को सिविल जज सीनियर डिवीजन विजय कुमार गुप्ता की अदालत में याचिका दायर की गई थी। वादी की याचिका पर एक सितंबर को वाद रजिस्टर दर्ज कर लिया गया था। यह मुकदमा पोषणीय (चलने लायक) है या नहीं इस पर सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तारीख तय की गई थी। याचिका पर सुनवाई से पहले इससे संबंधी गजट प्रकाशित जाना है, जो 15 सितंबर तक नहीं हो सका। दूसरे प्रतिवादी पक्ष को सम्मन भी तामील नहीं हो पाए हैं।

अधिवक्ता अखिल भारतीय हिंदू महासभा विवेक रेंडर का कहना है कि आदेश 7 नियम 11 सीपीसी के तहत एक व्यक्ति की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी, जिसमें इस संपत्ति को वक्फ की बताकर मुकदमा न चलने योग्य बताया गया है। इस पर गुरुवार को आपत्त दाखिल कर दी गई है। अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 4 अक्टूबर निर्धारित की है।

अधिवक्ता जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी असरार अहमद सिद्दीकी ने बताया कि वादी पक्ष की ओर से याचिका के साथ लगाए वाद पत्रों की मांग अदालत से की गई है। इसके लिए गुरुवार को अर्जी कोर्ट में दी गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। दूसरे याचिका के संबंधित गजट भी अभीत तक प्रकाशित नहीं कराया गया है। प्रतिवादी पक्ष के कई लोगों को अभी सम्मन तामील नहीं हुए हैं।

दिनभर पुलिस रही अलर्ट, जामा मस्जिद की सुरक्षा बढ़ाई
गुरुवार को शहर की जामा मस्जिद शमसी की जगह नीलकंठ महादेव शिव मंदिर होने वाली याचिका पर सुनवाई होने को थी। इसको लेकर दिनभर पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। शहर के सोथा मोहल्ला स्थित जामा मस्जिद और उसके आसपास सुबह से ही पुलिस तैनात कर दी गई थी। दोपहर में नमाज के दौरान पीएसी भी तैनात रही। खुफिया एजेंसियां भी सतर्क रहीं। शाम को सुनवाई के लिए अगली तारीख तय होने का पता चलने पर अफसरों ने राहत की सांस ली।

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