चीतों को लाने के लिए नामीबिया पहुंचा स्पेशल विमान, PM मोदी जन्मदिन पर देश को सौंपेंगे 8 अफ्रीकी चीते
श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही देशवासियों को अफ्रीकी चीतों का दीदार करने का अवसर मिलेगा। चीतों के भारत आने की तैयारियां नामीबिया में अंतिम दौर में हैं। सभी आठ अफ्रीकी चीतों को एक खास विमान से भारत लाया जाएगा। इस फ्लाइट को स्पेशल फ्लैग नंबर 118 …
श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही देशवासियों को अफ्रीकी चीतों का दीदार करने का अवसर मिलेगा। चीतों के भारत आने की तैयारियां नामीबिया में अंतिम दौर में हैं। सभी आठ अफ्रीकी चीतों को एक खास विमान से भारत लाया जाएगा। इस फ्लाइट को स्पेशल फ्लैग नंबर 118 दिया गया है। वहीं विमान में चीते की एक आकर्षक पेंटिंग बनी हैं।
A special bird touches down in the Land of the Brave to carry goodwill ambassadors to the Land of the Tiger.#AmritMahotsav #IndiaNamibia pic.twitter.com/vmV0ffBncO
— India In Namibia (@IndiainNamibia) September 14, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में इन चीतों की अगवानी करेंगे। मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क (केपीएनपी) में 17 सितंबर को चीते छोड़े जाएंगे। नामीबिया से कुल 8 चीते भारत आ रहे हैं। गौरतलब है कि भारत में सालों पहले चीता लुप्त हो गया था। नामीबिया की राजधानी विंडहॉक से इस विशेष विमान के जरिए चीतों को भारत लाया जा रहा है। 8 चीतों में 5 मादा और 3 नर चीते शामिल हैं। यह पहली बार होगा जब किसी मांसाहारी पशु को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप लाया जा रहा है। 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने नामीबिया से चीता लाने को हरी झंडी दे दी थी। फिलहाल इस पूरी परियोजना के लिए सरकार 91 करोड़ का बजट निर्धारित किया है।
अफ्रीका की टीम ने भारत का दौरा कर तैयारियों का जायजा भी लिया है. वह तैयारियों से संतुष्ट हैं। वन्य जीव वैज्ञानिकों के मुताबिक भारत में चीता की आबादी बनाए रखने के लिए कुल 35-45 चीते होने ज़रूरी हैं, इसलिए अलगे 5 सालों तक हर साल 4 से 8 चीते भारत लाए जाएंगे। जो वातावरण चीता को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका में मिलता है, वैसा ही वातावरण उन्हें कूनो में मिलेगा। हालांकि भारत में चीता के लिए सुविधाएं नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भी बेहतर हैं। वहीं कूनो में इन विदेशी मेहमानों के लिए शिकार की भी कमी नहीं है।
भारत से नामीबिया गए इस विमान को खासतौर पर डिजाइन किया गया है। इस विमान की तस्वीरें सामने आई हैं।इस पर चीते का मुंह प्रिंट किया गया है, जो देखने में काफी आकर्षक नजर आ रहा है। इसी विमान से आठों चीतों को भारत लाया जा रहा है, क्योंकि 70 साल बाद देश को चीते मिल रहे हैं, ऐसे में इसे एक इवेंट की तरह देखा जा रहा है।
मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने बताया कि नामीबिया से उड़ान भरने के बाद सीधा कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को खाना दिया जाएगा। यहां वे जयपुर से एक घंटे की यात्रा के बाद पहुंचेंगे। चौहान ने बताया कि एहतियात के तौर पर, यह अनिवार्य होता है कि यात्रा के समय एक जानवर को खाली पेट होना चाहिए। चौहान के मुताबिक, कूनो पहुंचने के बाद चीतों को 30 दिनों तक एक बाड़े में रखा जाएगा। इस दौरान उनकी सेहत पर नजर रखी जाएगी। इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा। इकोलॉजिकल बैलेंस बनाए रखने के लिए कम से कम 25-30 चीता यहां होने चाहिए, इसलिए पांच साल में और चीते नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से यहां लाए जाएंगे।
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