बरेली: इंटरनेशनल सिटी पर निरस्त आदेश लखनऊ के एसडीएम सदर से कराया था बहाल

बरेली, अमृत विचार। दर्जनों तालाबों और सरकारी भूमि पर बसाने के आरोपों में घिरी नरियावल की इंटरनेशनल सिटी को बचाने को लेकर बरेली से लेकर लखनऊ तक के अधिकारियों ने पूरी कोशिश की है। 2014 और 2016 में एसडीएम सदर रहे पीसीएस मनीष नाहर ने तालाबों को पाटकर कालोनी बनाने के प्रकरण की जांच में …

बरेली, अमृत विचार। दर्जनों तालाबों और सरकारी भूमि पर बसाने के आरोपों में घिरी नरियावल की इंटरनेशनल सिटी को बचाने को लेकर बरेली से लेकर लखनऊ तक के अधिकारियों ने पूरी कोशिश की है। 2014 और 2016 में एसडीएम सदर रहे पीसीएस मनीष नाहर ने तालाबों को पाटकर कालोनी बनाने के प्रकरण की जांच में पहले बिल्डरों को क्लीनचिट देने का आदेश दिया था। दोबारा से तैनाती पर अपना ही आदेश निरस्त कर दिया था।

इसके बाद उसी एसडीएम सदर के निरस्त आदेश को लखनऊ के एसडीएम सदर ने दिसंबर 2021 में बहाल कर दिया था। सात साल के अंदर बहाल-निरस्त की जो कहानी लिखी गई, उसने बहुत स्पष्ट कर दिया था कि इस कालोनी को बचाने में एक वरिष्ठ आईएएस अफसर का भी संरक्षण प्राप्त रहा, जो बरेली और लखनऊ के डीएम भी रह चुके हैं।

तालाबों को पाटकर इंटरनेशनल सिटी बसाने का मामले की सुनवाई पहले राजस्व न्यायालय इलाहाबाद में हुई। वहां से इसकी जांच राजस्व न्यायालय लखनऊ को ट्रांसफर की गई। यहां से 2021 में जिलाधिकारी रहे अभिषेक प्रकाश को जांच सौंपी गई। इसके बाद अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर एसडीएम सदर लखनऊ रहे प्रमोद कुमार पांडेय ने अपनी कोर्ट में इस प्रकरण की सुनवाई शुरू की।

पत्रावली बरेली से मंगाकर न्यायालय में सुनवाई कई बार कर एसडीएम सदर लखनऊ ने 27 दिसंबर, 2021 को आदेश दिया था कि न्यायालय उप जिलाधिकारी सदर बरेली द्वारा पारित आदेश 8 सितंबर 2014 विधिक एवं न्यायसंगत होने के कारण बहाल किया जाता है। वाद की कार्यवाही समाप्त की जाती है। न्यायालय उप जिलाधिकारी सदर बरेली पारित आदेश इस आदेश का अंग रहेगा। आदेश की एक प्रति तहसीलदार सदर बरेली को अभिलेखों में अमल दरामद करने के लिए भेजी जाए।

इसके बाद आदेश की कॉपी तहसील सदर बरेली भी आई। इधर आदेश होने के करीब चार माह गुजरने के बाद तहसील प्रशासन ने मामले में अपील करने के लिए डीजीसी से राय ली थी। प्रकरण से संबंधित पत्रावलियां भी उन्हें अवलोकन के लिए दी गई थीं। अब हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान भ्रष्टाचार होने की जाे बात सामने आई, उससे बरेली से लेकर लखनऊ के अफसरों के वाद समाप्त कराने की कार्रवाई का लाभ बिल्डरों को मिलता नहीं दिख रहा है।

मनीष नाहर के आदेश की वजह से इंटरनेशनल सिटी को मिला था जीवनदान
करीब 8 साल पहले बरेली में तैनाती के दौरान भूमि मुआवजा घोटाले में फंसे सीनियर पीसीएस अफसर मनीष नाहर के आदेश की वजह से इंटरनेशनल सिटी को जीवनदान मिला था। 15 जुलाई 2013 को मनीष कुमार नाहर को अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम में तैनाती मिली। एएसडीएम का कार्यभर मिला। 30 अगस्त 2013 को उपजिलाधिकारी मीरगंज बने। 22 मई 2014 को आंवला एसडीएम से उप जिलाधिकारी सदर बने थे तब एसएलएओ का कार्य भी देखने को मिला। 8 मई 2015 को डिप्टी कलेक्टर से अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय बने। अग्रिम आदेशों तक एसएलएओ का कार्य देखने के भी आदेश हुए थे। 19 जनवरी 2016 में एसडीएम आंवला से फिर उप जिलाधिकारी सदर बनाए गए थे। उसी दौरान इंटरनेशनल सिटी समेत बरेली-सितारगंज नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण करने के मामले में खेल करने की बात सामने आई थी।

पूर्व मंडलायुक्त ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को शासन में भेजी थी रिपोर्ट
2020 में बरेली विकास प्राधिकरण की तत्कालीन उपाध्यक्ष दिव्या मित्तल ने इंटरनेशनल सिटी का नक्शा स्थगित किया था। इस मामले में तत्कालीन मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने आवासीय कॉलोनी की जांच कराई थी। लापरवाही करने के लिए तत्कालीन सचिव, मुख्य अभियंता, नगर नियोजक और चकबंदी विभाग के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति करते हुए मंडलायुक्त की ओर से रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी लेकिन प्रकरण में किसी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई थी।

29 अगस्त को हाईकोर्ट में तहसील प्रशासन ने दाखिल किया काउंटर एफिडेविट
इंटरनेशनल सिटी कालोनी के हाई कोर्ट में विचाराधीन मामले में तहसील प्रशासन की ओर से 29 अगस्त को काउंटर एफिडेविट दाखिल किया गया है। नायब तहसीलदार निरंकार सिंह दाखिल करके आए हैं लेकिन काउंटर एफिडेविट अभी स्वीकार नहीं हुआ है।

ये भी पढ़ें- बरेली: राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चुनी गईं सीमा कश्यप

ताजा समाचार

Lucknow News : नवरात्रि में महिलाओं ने किया प्रदर्शन, पार्षद बोले- अधिकारी मनमानी पर उतारू
शाहजहांपुर: चठिया बलरामपुर जंगल में लगी आग, जीव-जंतु और पेड़ पौधे जले 
संभल: रील बनाने के लिए किशोर को प्लास्टिक की बोरी में किया बंद, सड़क किनारे फेंका
Kanpur में करोड़ों की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़: नौकरी का झांसा देकर लोगों को बनाते थे शिकार, 4 गिरफ्तार
Kanpur: लापता अधेड़ का शव पार्क में झूले से लटकता मिला, बेटे ने जताई अनहोनी की आशंका, कहा ये...
Kanpur में करोड़ों की धोखाधड़ी: विदेश जाने का लालच देकर 28 लोगों से की ठगी, तीन आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज