बरेली: कोटेदारों को भुगतान में बड़ी गड़बड़ी, चार लाख रुपये कम भुगतान

बरेली: कोटेदारों को भुगतान में बड़ी गड़बड़ी, चार लाख रुपये कम भुगतान

बरेली, अमृत विचार। पूर्ति विभाग में गड़बड़ियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी कोटेदारों को अतिरिक्त भुगतान कर दिया जा रहा है, बीते दिनों मीरगंज क्षेत्र में कोटेदारों को अतिरिक्त भुगतान का मामला सामने आने के बाद जांच में दोषी पाए गए एआरओ को निलंबित कर दिया गया था। वहीं अब बड़ी गड़बड़ी …

बरेली, अमृत विचार। पूर्ति विभाग में गड़बड़ियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी कोटेदारों को अतिरिक्त भुगतान कर दिया जा रहा है, बीते दिनों मीरगंज क्षेत्र में कोटेदारों को अतिरिक्त भुगतान का मामला सामने आने के बाद जांच में दोषी पाए गए एआरओ को निलंबित कर दिया गया था।

वहीं अब बड़ी गड़बड़ी नवाबगंज क्षेत्र से खुलकर सामने आई है। जहां कोटेदारों को जितना भुगतान किया जाना था उससे 4 लाख रुपये कम किया गया है। शुरूआत में तो कई कोटेदारों को पता ही नहीं चला मगर मामला खुलने के बाद अधिकारियों से गुहार लगाई। लेकिन पूर्ति विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि एसडीएम नवाबगंज द्वारा जितने का बिल बनाकर भेजा गया था उसका भुगतान करा दिया गया है।

दरअसल नवाबगंज तहसील के करीब 243 कोटेदारों को मार्च के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत वितरित किए गए खाद्यान्न का भुगतान 7 जुलाई को किया तो कई कोटेदारों के खाते में जितना भुगतान किया जना था उससे कम रकम पहुंची। कोटेदार तहसील कार्यालय क्षेत्रीय अधिकारियों के पास पहुंचे तो गड़बड़ी को ढूंढने का प्रयास किया गया। सूत्रों की माने तो मगर विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी भी गड़बड़ी को पकड़ नहीं पाए। लेकिन बाद में पता चला कि कोटेदारों को लगभग 16 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था, लेकिन उन्हें केवल 12 लाख के आसपास का ही भुगतान हुआ। चार लाख रुपये से अधिक का भुगतान कोटेदारों को नहीं किया गया।

चावल का कमीशन नहीं जोड़ा गया
नवाबगंज में क्षेत्रीय अधिकारियों की गलती से पात्र गृहस्थी के तहत दिए जाने वाले चावल का कमीशन जोड़ा ही नहीं गया। स्टाफ की गलती के चलते पात्र गृहस्थी का पूरा कालम ही गायब कर दिया गया। पूर्ति निरीक्षक हरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि गलती पकड़ में आई जिसमें सुधार कर कोटेदारों को बचा हुआ भुगतान कराया जाएगा। बता दें कि कोटेदारों को खाद्यान्न के भुगतान का बिल तहसील में पूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा बनाकर एसडीएम को भेजे जाते हैं, यहां से पूर्ति कार्यालय और फिर एसआरओ कार्यालय द्वारा भुगतान किया जाता है। इस संबंध में बात करने के लिए एसडीएम नवाबगंज से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

एसडीएम नवाबगंज द्वारा जितने भुगतान की मांग की गई थी वो करा दिया गया है। अगर कुछ भुगतान कम है तो उसके प्रपत्र प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार भुगतान कराया जाएगानीरज सिंह, जिलापूर्ति अधिकारी।

न्यायालय के कार्य से इलाहाबाद आया हूं, अभी उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। कार्यालय पहुंचने पर अभिलेखों के अनुसार जांच कराई जाएगी— राजीव कुमार शुक्ल, एसडीएम।

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