बरेली: नदियों का जल स्तर कम होने से सिंचाई प्रभावित, सूखे की मार झेल रही फसलें

बरेली, अमृत विचार। इस बार औसतन बारिश कम हुई है, इससे लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा समस्या का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। सिंचाई के लिए किसान मोटर और इंजन का सहारा ले रहे हैं। कम बारिश होने से नहरों में पानी की बहाव कमजोर हो गया है। कुछ नहरों में तो पानी …
बरेली, अमृत विचार। इस बार औसतन बारिश कम हुई है, इससे लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा समस्या का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। सिंचाई के लिए किसान मोटर और इंजन का सहारा ले रहे हैं। कम बारिश होने से नहरों में पानी की बहाव कमजोर हो गया है। कुछ नहरों में तो पानी भी नहीं पहुंच पा रहा है।
रामगंगा सहित प्रमुख नदियों का जलस्तर घटा
जनपद में मुख्य रूप से कुमायूं की पहाड़ियों से होते हुए बहेड़ी, शेरगढ़, मीरगंज और फतेहगंज से होती हुई किच्छा नदी रामगंगा में गिरती है। इस नदी से नहरों के जरिए आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है। इस बार बारिश कम होने से नदी से निकलने वाली नहरों में बेहद कम पानी छोड़ा जा रहा है।
देवहा नदी से भदपुरा और भुता विकास खंड के क्षेत्रों में भी नदी का जलस्तर कम होने से फसलों की स्थिति चिंताजनक है। पहाड़ों पर पर्याप्त बारिश होने से धौरा नदी का जल स्तर काफी हद तक ठीक है। बहेड़ी क्षेत्र के खेतों में इस नदी से नहरों से पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा रहा है। बहगुल जलाशय की बात करें तो यहां का जल स्तर स्थिर है। यहां से नहरों में अपेक्षाकृत कम पानी छोड़ा जा रहा है। फरीदपुर क्षेत्रांतर्गत आबादी क्षेत्र से निकलने वाली नहर में भी पानी नहीं छोड़ा गया है। यहां के किसानों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
लगातार घट रहा राम गंगा का जल स्तर
आंकड़ों के मुताबिक राम गंगा नदी का जल स्तर बारिश न होने से लगातार घट रहा है। वर्तमान में नदी का जलस्तर 158.34 है । इस वजह से नदी के आस पास व नहरों के जरिए सिंचित क्षेत्रों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष जुलाई में अधिकतम 2050.1 मिमी बारिश हुई थी। इस बार महज 253.20 मिमी ही बारिश हुई। अगस्त में 1216.6 मिमी हुई थी, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 550 मिमी तक ही सिमट कर रह गया है।
नहरों में पर्याप्त जल छोड़ा जा रहा है। जनपद की नदियों में जल स्तर के अनुसार ही नहरों में पानी छोड़ा जा सकता है। इस बार बारिश भी कम हुई है, इस कारण पानी की कमी है। जिन क्षेत्रों की नहरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। उसका निरीक्षण करा कर पानी छोड़ा जाएगा—राजेंद्र सिंह, अधिशासी अभियंता , बाढ़ खंड, सिंचाई विभाग।
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