बहराइच : पिता के आंसुओं पर भी नहीं माना डॉक्टर, नौ दिन के मासूम को बेड न होने पर किया वापिस

बहराइच, अमृत विचार। रिसिया विकास खंड के एक सहनवाजपुर गांव निवासी ग्रामीण अपने नौ दिवसीय अति कुपोषित बच्चे को महिला अस्पताल में मंगलवार को भर्ती कराने के लिए लेकर आया। यहां पर चिकित्सक ने वार्ड में जगह न होने की बात कहकर नवजात को वापिस कर दिया। पिता रोते हुए नवजात को लेकर वापस गांव …
बहराइच, अमृत विचार। रिसिया विकास खंड के एक सहनवाजपुर गांव निवासी ग्रामीण अपने नौ दिवसीय अति कुपोषित बच्चे को महिला अस्पताल में मंगलवार को भर्ती कराने के लिए लेकर आया। यहां पर चिकित्सक ने वार्ड में जगह न होने की बात कहकर नवजात को वापिस कर दिया। पिता रोते हुए नवजात को लेकर वापस गांव चला गया है।
मेडिकल कालेज के महिला और पुरुष अस्पताल में व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी इलाज के नाम पर रुपए की वसूली तो कभी बेड न होने की बात कही जा रही है। रिसिया विकास खंड में ग्राम पंचायत सहनवाजपुर के बबुरहन गांव निवासी ओम प्रकाश के नौ दिन के बेटे का वजन एक किलो 800 ग्राम है। उसकी तबियत भी खराब रहती है। मंगलवार को तबियत और खराब हुई। जिस पर ओम प्रकाश ने एंबुलेंस को फोन किया। एंबुलेंस से नवजात को लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचा। यहां पर डॉक्टर असद अली ने एसएनसीयू में बेड न होने की बात कहकर वापस कर दिया।
ओम प्रकाश ने रोते हुए बेटे की बीमारी का हवाला दिया। इस पर भी चिकित्सक का दिल नहीं पसीजा। इस पर पुनः ओमप्रकाश अपने नवजात को लेकर वापस एंबुलेंस से घर चला गया। उसने अस्पताल की व्यवस्था को लेकर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया। इस मामले में प्रभारी सीएमएस डॉ एमएम त्रिपाठी से बात करने के लिए फोन लगाया तो उनके मोबाइल पर घंटी बजती रही। उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
पिता की चेतावती
ओम प्रकाश ने बताया कि सरकार एसएनसीयू और पोषण पुनर्वास केंद्र का संचालन करती है। जिस पर लाखों रूपए खर्च करती है। लेकिन मेरे बेटे को हालत खराब होने पर भी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। ऐसे में बेटे को कुछ होगा तो इसके जिम्मेदार डॉक्टर होंगे। उनकी शिकायत डीएम से करेंगे।
बोले जिम्मेदार
मेडिकल कॉलेज के पीसीआयू, एसएनसीयू और पोषण पुनर्वास केंद्र में इस समय भीड़ है। कुछ बेड भी बढ़ाए गए हैं। इसके बाद भी दिक्कत आ रही है। इसके लिए सीएमएस को निर्देश दिए जा रहे हैं।
डॉक्टर अनिल के साहनी प्राचार्य
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