प्रयागराज : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियम 2020 से न्याय पाना हुआ आसान, जानिये इस बारे में क्या कहता है हाईकोर्ट

प्रयागराज : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियम 2020 से न्याय पाना हुआ आसान, जानिये इस बारे में क्या कहता है हाईकोर्ट

प्रयागराज, अमृत विचार । एक वैवाहिक विवाद मामले में स्थानांतरण की मांग पर दाखिल याचिका पर विचार करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि न्यायपालिका में डिजिटल प्रक्रिया की भागीदारी का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य अदालतों और वादियों के बीच की खाई को पाटना है। एक डिजिटल न्यायपालिका न्याय प्रणाली की क्षमता को निश्चित तौर …

प्रयागराज, अमृत विचार । एक वैवाहिक विवाद मामले में स्थानांतरण की मांग पर दाखिल याचिका पर विचार करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि न्यायपालिका में डिजिटल प्रक्रिया की भागीदारी का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य अदालतों और वादियों के बीच की खाई को पाटना है। एक डिजिटल न्यायपालिका न्याय प्रणाली की क्षमता को निश्चित तौर पर बढ़ाएगी और वादी के लिए ‘न्याय की आसानी’ लाएगी।

दरअसल एक मामले में सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भदोही से प्रयागराज केस ट्रांसफर के लिए अर्जी दाखिल की गई थी| इसी संबंध में उच्च न्यायालय ने अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी में स्पष्ट किया कि डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी सेवाएं नागरिकों को सरल न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं|

महामारी के दौरान भी अदालतों ने नागरिकों को न्यायालय में भौतिक रूप से उपस्थित हुए बिना न्याय दिया और इस संबंध में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है| न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की एकलपीठ ने कहा कि डिजिटल व्यवधान वह परिवर्तन है, जो तब होता है। जब नई डिजिटल प्रौद्योगिकियों और मॉडल मौजूदा सेवाओं के मूल्य प्रस्ताव को प्रभावित करते हैं|

भारत में कानूनी सेवाओं में क्रांति लाने के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी के माध्यम से कानूनी सेवाओं का परिवर्तन एक बड़ा कदम है, साथ ही ‘उत्तर प्रदेश राज्य में न्यायालयों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए नियम, 2020’ तैयार करके एक मजबूत कदम उठाया गया है। पूर्वोक्त नियमों का मुख्य उद्देश्य न्यायालयों के लिए वीडियो कांफ्रेंस के उपयोग से संबंधित प्रक्रिया को समेकित, एकीकृत और सुव्यवस्थित करना है।

इसके अलावा उच्च न्यायालय ने कहा कि 2020 के नियम प्रभावी रूप से वादियों की चिंता को दूर करते हैं, जैसा कि वर्तमान स्थानांतरण आवेदन में उठाया गया है। अतः मौजूदा मामले में एक जिले से दूसरे जिले में केस स्थानांतरित करने का कोई आधार नहीं बनता है, उक्त दिशानिर्देशों के साथ उच्च न्यायालय ने अर्जी निस्तारित कर दी।

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