हल्द्वानी: बीपीएल कार्ड बना वृद्धा पेंशन में अड़ंगा

हल्द्वानी: बीपीएल कार्ड बना वृद्धा पेंशन में अड़ंगा

हल्द्वानी, अमृत विचार। समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थियों के लिए एक चुनौती बन गई है। पेंशन में संशोधन कर विभाग लाभार्थियों के हक के साथ खिलवाड़ कर रहा है। विभाग की ओर से किए गए संशोधन के अनुसार लाभार्थी के पास बीपीएल कार्ड या नाबालिग बेटा होना अनिवार्य कर दिया …

हल्द्वानी, अमृत विचार। समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थियों के लिए एक चुनौती बन गई है। पेंशन में संशोधन कर विभाग लाभार्थियों के हक के साथ खिलवाड़ कर रहा है। विभाग की ओर से किए गए संशोधन के अनुसार लाभार्थी के पास बीपीएल कार्ड या नाबालिग बेटा होना अनिवार्य कर दिया गया है।

ऐसे में शहर में रहने वाले कई बुजुर्ग पेंशन के दायरे से बाहर हो गए हैं। पिछले सात माह में विभाग केवल 263 लोगों को ही लाभ दे पाया है। समाज कल्याण विभाग की ओर से जिले में 33460 वृद्धों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। इसके बाद जनवरी 2022 में विभाग ने पेंशन में संशोधन करते हुए कुछ मापदंडों में बदलाव किए। इसके चलते लाभार्थी योजना से वंचित रह गए हैं।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार संशोधन के बाद जनवरी 2022 से जुलाई 2022 तक 263 लोगों को ही लाभ दिया गया है। अन्य लोगों मापदंड की श्रेणी से बाहर होने के चलते लाभ नहीं ले पा रहे हैं। बुजुर्गों का कहना है कि वह विभाग की ओर से पेंशन में फिर से संशोधन करने का इंतजार कर रहे हैं।

क्या है वृद्धावस्था पेंशन
इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुकें, राज्य के वृद्ध नागरिकों को 1400 रूपये की मासिक पेंशन प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ राज्य के बीपीएल नागरिक ही उठा सकतें है। पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से शासनादेश जारी कर उत्तराखंड वृद्धावस्‍था पेंशन योजना के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि को 1200 रुपये से बढ़ा कर 1400 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। साथ- साथ वृद्धावस्‍था पेंशन योजना का लाभ अब पति और पत्नी दोनों को मिल पायेगा।

उत्तराखंड वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए पात्रता मानदंड
1- आवेदक राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
2- आवेदक की आयु 60 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
3- आवेदक के परिवार की वार्षिक आयु 48,000 से कम होनी चाहिए।
4- आवेदक बीपीएल परिवार का सदस्य होना चाहिए।
5- आवेदक का पुत्र नाबालिग होना चाहिए।

अभी कई लोग संशोधित योजना के दायरे में नहीं आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें फॉर्म ही नहीं दिया जा रहा है। योजना में दोबारा संशोधन के बाद ही अन्य लोगों को लाभ दिया जा सकेगा।

– राहुल आर्या, सहायक समाज कल्याण अधिकारी