मुरादाबाद : अपात्रों का राशन कार्ड निरस्त करने में आनाकानी कर रहा पूर्ति विभाग

मुरादाबाद,अमृत विचार। जिले में गाड़ी-बंगला वाले 6284 अपात्रों ने गरीबों के हक का राशन डकारा था। उनसे लिए गए राशन के बाजार मूल्य के बराबर धनराशि की रिकवरी तो दूर उनके कार्ड निरस्त करने में भी पूर्ति विभाग आनाकानी कर रहा है। सोशल मीडिया पर पात्रता को लेकर फैलाए गए भ्रम के बाद कार्ड सरेंडर …
मुरादाबाद,अमृत विचार। जिले में गाड़ी-बंगला वाले 6284 अपात्रों ने गरीबों के हक का राशन डकारा था। उनसे लिए गए राशन के बाजार मूल्य के बराबर धनराशि की रिकवरी तो दूर उनके कार्ड निरस्त करने में भी पूर्ति विभाग आनाकानी कर रहा है। सोशल मीडिया पर पात्रता को लेकर फैलाए गए भ्रम के बाद कार्ड सरेंडर करने वालों का भी सत्यापन कराने का काम भी अब तक अधर में है।
खाद्य विभाग के खेल निराले हैं। पहले तो राशनकार्ड बनाने में नियमों को ताक पर रखकर अपात्रों और फर्जी राशन कार्ड बनाने का खेल चला। जब सरकार ने अपात्रों का राशनकार्ड सरेंडर और निरस्त कराने का निर्देश दिया तो कार्डधारक कार्रवाई के डर से अपना कार्ड सरेंडर करने में जुटे तो उनकी हैसियत का खुलासा होने लगा। गाड़ी, बंगला, पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले और दो-तीन असलहा के लाइसेंस धारक भी पात्र गृहस्थी और अन्त्योदय योजना के कार्डधारक होने के नाम पर मुफ्त राशन डकार कर गरीबों का हक मारते रहे। जून के दूसरे सप्ताह तक सरेंडर का क्रम चला तो सोशल मीडिया पर फैलाया गया भ्रम इनके लिए कवच बन गया।
सरकार ने सड़क से सदन तक मामला उठने के चलते राशनकार्ड सरेंडर कराने की बजाय जिन्होंने कार्ड सरेंडर किया था उनका सत्यापन कराकर वास्तविक अपात्रों की पहचान कराने में जुटने का निर्देश दिया, जो कि स्थानीय स्तर पर अभी भी चल रही है। सत्यापन की सुस्त रफ्तार का फायदा उठाकर अपात्र अभी भी मुफ्त राशन लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। अब दो पहिया वाहन वालों के राशनकार्ड सरेंडर करने के सत्यापन के बहाने विभाग के कर्मचारी अधिकारी भी असली कार्य से मुंह मोड़ बैठे हैं। इस मामले में िजला पूिर्त अिधकारी अजय प्रताप सिंह कहना है कि सैकड़ों अपात्र अब तक चिह्नित किए गए है। अब सत्यापन का कार्य चल रहा है।
यह हैं अपात्र होनी की शर्तें
- ग्रामीण क्षेत्र में चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, एयर कंडीशन और पांच केवी या इससे अधिक क्षमता का जनरेटर रखने वाले
- पांच एकड़ से अधिक सिंचित भूमि, ऐसे परिवार जिनकी सालाना आय दो लाख से अधिक हो
- समस्त आयकर दाता और ऐसे परिवार जिनके पास एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस है
- शहरी क्षेत्र में चार पहिया वाहनधार और सालाना तीन लाख से अधिक की आमदनी वाले
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