बरेली: नाथ नगरी के मंदिरों में कांवडि़यों और भक्तों के आने की राह आसान नहीं

बरेली: नाथ नगरी के मंदिरों में कांवडि़यों और भक्तों के आने की राह आसान नहीं

अमृत विचार, बरेली। नाथ नगरी में शिवभक्तों की 40 दिन की परिक्रमा शुरू हो चुकी है। विभिन्न मंदिरों में सुबह शिवभक्त पहुंच रहे हैं। कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां पहुंचने में उन्हें काफी चक्कर लगाना पड़ रहा है क्योंकि कहीं मुख्य मार्ग पर जलभराव है तो कहीं नालियां बजबजा रही हैं। नगर निगम की टीम …

अमृत विचार, बरेली। नाथ नगरी में शिवभक्तों की 40 दिन की परिक्रमा शुरू हो चुकी है। विभिन्न मंदिरों में सुबह शिवभक्त पहुंच रहे हैं। कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां पहुंचने में उन्हें काफी चक्कर लगाना पड़ रहा है क्योंकि कहीं मुख्य मार्ग पर जलभराव है तो कहीं नालियां बजबजा रही हैं। नगर निगम की टीम काम करने का दावा तो कर रही है लेकिन भक्तों को अभी काम होता नहीं दिख रहा है।

मुख्यमंत्री, मंडलायुक्त और डीएम ने कांवड़ियों और शिवभक्तों के आने वाले मार्गाें को जलभराव मुक्त करने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को नगर आयुक्त ने भी पशुपतिनाथ व वनखंडीनाथ मंदिर मार्ग का दौरा कर वहां स्थिति सुधारने के निर्देश दिए हैं।

अफसरों की इस कवायद के विपरीत जो शिवभक्त मंदिरों में जा रहे हैं। उन्हें अफसरों के दावे हवाई लग रहे हैं। उनका कहना है कि शहर में त्रिवटीनाथ, धोपेश्वरनाथ, तपेश्वर नाथ मंदिर जाने के रास्ते ही दुरुस्त कहे जा सकते हैं। इन मंदिरों में भक्त किसी भी दिशा से चला जाए यहां आने पर उसे दिक्कत नहीं होगी लेकिन अन्य मंदिरों की हालत नगर निगम सही नहीं कर पाया है।

वनखंडीनाथ मंदिर जाने के लिए मार्ग सही नहीं है। बरसात में यहां जलभराव होगा तो इस मार्ग से कांवड़िये आए तो उनके पैर चोटिल होना तय है। मंदिर के पीछे वाले मार्ग से कोई कांवड़िया या भक्त आए तो उसे गंदे जलभराव से होकर गुजरना पड़ेगा। इस मंदिर में आने का एक और मार्ग संजय नगर होते हुए भी है। यहां काशीनाथ रोड से महंत की चक्की वाले मार्ग से भी कांवड़िया वनखडीनाथ मंदिर जाते हैं। इस मार्ग में भी नालियां बजबजा रही हैं।

मणीनाथ मंदिर जाने वाला मार्ग दो वार्ड में पड़ता है। यहां वार्ड 12 तक का मार्ग तो ठीक है लेकिन वार्ड 13 में प्रवेश करते ही मार्ग जलभराव वाला हो जाता है। इसे बनाने का प्रयास नहीं किया गया। वार्ड 13 के पार्षद अजय चौहान से बात करनी चाही लेकिन उनका फोन नहीं उठा। पशुपतिनाथ मंदिर मार्ग भी गड्ढेदार है। अभी इन मार्गों पर काम होता नहीं दिख रहा है।

ये भी पढ़ेंबरेली: चेतावनी पर करता अमल टीटीई तो नहीं जाती नौकरी