बहराइच: दलितों और पिछड़ों के मसीहा थे पूर्व विधायक, मनाई गई पांचवीं पुण्यतिथि

बहराइच। विकास और समाज सेवा के लिए संघर्षशील तथा जमीनी नेता के रूप में पहचान बनाने वाले नानपारा के पूर्व विधायक वारिस अली की पाॕंचवी बरसी पर उनके समर्थकों ने नानपारा स्थित कब्रिस्तान पहुँच कर उनकी कब्र पर फूल माला चढाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी याद में कुरान ख्वानी कर ईशाले सवाब किया गया तथा …
बहराइच। विकास और समाज सेवा के लिए संघर्षशील तथा जमीनी नेता के रूप में पहचान बनाने वाले नानपारा के पूर्व विधायक वारिस अली की पाॕंचवी बरसी पर उनके समर्थकों ने नानपारा स्थित कब्रिस्तान पहुँच कर उनकी कब्र पर फूल माला चढाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी याद में कुरान ख्वानी कर ईशाले सवाब किया गया तथा आत्मा की शांति एवं मुल्क में सुख शांति समृद्धि एवं सम्पन्नता की दुआएॕ मांगी गयी।
उन्हें लोगों के दिलों में बसा दिया था
पूर्व विधायक की पांचवी पुण्यतिथि पर वरिष्ठ समाजसेवी एवं मदरसा गौसिया के सेक्रेट्री अजीमुल्ला खां ने उन्हें याद करते हुए बताया कि उनके जाने से न केवल जिले में राजनीतिक शून्यता आ गई बल्कि गरीबों का मसीहा भी सदा के लिए बिछड़ गया। अकबर अली सिद्दीकी ने उन्हें जनता का सच्चा हितैषी बताते हुए कहा कि अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक लड़ने वाले पूर्व विधायक जिले में बड़े जनाधार वाले नेता माने जाते रहे। क्षेत्र पंचायत सदस्य गुलाम रब्बानी ने कहा कि बात चाहे कार्यकर्ता के उत्पीड़न की हो या फिर विकास की। लोगों के कंधे से कंधा मिलाकर चलने की आदत ने उन्हें लोगों के दिलों में बसा दिया था।
मदरसा गौसिया के प्राचार्य इसरार अहमद इदरीसी कहते हैं कि उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चुनाव चाहे जो रहे हों। उनकी एक हुंकार पर समर्थक अपना पसीना बहाने को तैयार रहते थे। प्रशंसकों के बीच “भैया” के नाम से विख्यात रहे सादगी से जिंदगी गुजारने वाले पूर्व विधायक वारिस अली का जाना उनके समर्थकों के दिलों को झकझोर गया है। वह कहते हैं कि उनके जैसा जमीनी नेता विरले ही होता है। उनके जाने से राजनीति में आई शून्यता को शायद ही कोई भर पाए। इस अवसर पर अकबर अली सिद्दीकी, क्षेत्र पंचायत सदस्य गुलाम रब्बानी, कारी रजब अली, इरफान खां समेत काफी संख्या में उनके प्रशंसक मौजूद रहे।
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