हल्द्वानी: पवित्र अमरनाथ धाम के दर्शन कर लौटे शिवभक्तों का पुष्पवर्षा से स्वागत, सुनाई बाबा बर्फानी की महिमा

हल्द्वानी: पवित्र अमरनाथ धाम के दर्शन कर लौटे शिवभक्तों का पुष्पवर्षा से स्वागत, सुनाई बाबा बर्फानी की महिमा

हल्द्वानी, अमृत विचार। साल 2019 में अधूरी रह गई पवित्र अमरनाथ तीर्थ यात्रा करीब तीन साल बाद 30 जून से दोबारा शुरू हो गई। जम्मू-कश्मीर में हिमालय की गोद में स्थित पवित्र गुफा अमरनाथ धाम हिंदुओं का पवित्र स्थलों में से एक है। यही वजह है कि पवित्र शिवलिंग और बाबा बर्फानी के धाम के …

हल्द्वानी, अमृत विचार। साल 2019 में अधूरी रह गई पवित्र अमरनाथ तीर्थ यात्रा करीब तीन साल बाद 30 जून से दोबारा शुरू हो गई। जम्मू-कश्मीर में हिमालय की गोद में स्थित पवित्र गुफा अमरनाथ धाम हिंदुओं का पवित्र स्थलों में से एक है। यही वजह है कि पवित्र शिवलिंग और बाबा बर्फानी के धाम के दर्शनों के लिए शिवभक्तों के बीच गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है।

अमरनाथ यात्रा से लौटे शिवभक्तों के साथ मातृशक्ति और युवाओं ने तस्वीर खिंचवाई।

हल्द्वानी से 25 जून को पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए सात शिवभक्तों का दल चार जुलाई को हल्द्वानी पहुंच गया। शिवभक्तों के शहर में पहुंचने की सूचना पर क्षेत्र के लोगों ने उनका भव्य स्वागत करने का निर्णय लिया।

अमरनाथ यात्रा से लौटे शिवभक्तों की आरती उतारतीं मातृशक्ति।

आज बिठौरिया स्थित लोकमणि दुम्का सेवादीप निकेतन पुस्तकालय परिसर में बड़ी संख्या में महिलाओं, विद्यार्थियों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। इस दौरान शंख घंटी बजाकर और तिलक लगाकर शिवभक्तों का स्वागत किया गया। कुमाऊंनी परिधानों में सजीं महिलाओं ने शिवभक्तों का विधि विधान से पूजन भी किया।

शिवभक्तों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत करतीं लोकमणि दुम्का सेवा दीप निकेतन पुस्तकालय के छात्राएं।

इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से माहौल गूंज उठा। अमरनाथ यात्रा से लौटे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की श्यामा प्रसाद मुखर्जी शाखा के स्वयंसेवकों ने यात्रा के अनुभवों को भी साझा किया। इस दौरान शिवभक्त भावुक भी हो गए।

शिवभक्तों को माला पहनाकर स्वागत करते वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज पाठक।

दल के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता रमेश जोशी ने बताया कि 25 जून को हल्द्वानी से यात्रा शुरू की थी। यात्रा दल में उनके साथ मुकेश परगाईं, किशोर कांडपाल, हेम कांडपाल, मुकेश बृजवासी, रवि पंत और भुवन जोशी शामिल थे। उन्होंने बताया कि पूरी यात्रा में सेवा, सहयोग और सुरक्षा का अनूठा संगम देखने को मिला। यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं के खानपान से लेकर सुरक्षा की पुख्ता इंतजाम देखने को मिले। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान शिवभक्तों ने बाबा बर्फानी के धाम में सुंदरकांड का पाठ भी किया।

तिलक लगाकर शिवभक्तों का स्वागत करतीं बुजुर्ग माता।

शिवभक्तों का स्वागत करने वालों में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख मनोज पाठक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाह कमलेश त्रिपाठी, पार्षद दीपक बिष्ट, बालम देवका, हर्ष जलाल, हेम तिवारी, आनंद बिष्ट, भावना पाठक, प्रेमबल्लभ कांडपाल आदि रहे।

अमरनाथ यात्रा के दौरान भगवान शिव के जयकारे लगाते शिवभक्त रमेश जोशी, मुकेश परगाईं, किशोर कांडपाल, हेम कांडपाल, मुकेश बृजवासी, रवि पंत और भुवन जोशी।

बताते चलें कि श्रीअमरनाथजी श्राइन बोर्ड के मुताबिक, इस साल अमरनाथ यात्रा के पहले चार दिनों में कुल 40,233 यात्रियों ने पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन किए। अभी तक 72 हजार से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर संपंन्न होगी। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने से ठीक पहले अमरनाथ यात्रा बीच में ही रद्द कर दी गई थी। इसके बाद कोरोना महामारी के चलते करीब तीन साल से पवित्र अमरनाथ यात्रा स्थगित रही। साल 2021 में 56 दिनों की यात्रा की घोषणा हुई थी, लेकिन कोरोना की वजह से स्थगित करना पड़ गया था। ऐसे में करीब तीन साल बाद इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह है।

पवित्र अमरनाथ धाम का पावन दृश्य।

दुनिया का एकमात्र शिवलिंग जो चंद्रमा की रोशनी में घटता-बढ़ता है

भगवान शिव के धाम अमरनाथ गुफा में दुनिया का एकमात्र शिवलिंग है, जो चंद्रमा की रोशनी के आधार पर बढ़ता और घटता है। यह शिवलिंग हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पूरा होता है। उसके बाद अमावस्या तक आकार में काफी घट जाता है। इसी हिमलिंग के दर्शन के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ की पवित्र गुफा की यात्रा करते हैं। मान्यता है कि पवित्र अमरनाथ गुफा में भगवान शिव एक हिमलिंग यानी बर्फ के शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। हिमलिंग के बाईं ओर दो छोटे बर्फ के पिंड भी बनते हैं। उन्हें मां पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। 19 मीटर लंबाई ,16 मीटर चौड़ाई और 11 मीटर ऊंचाई के हिम निर्मित शिवलिंग वाली पवित्र गुफा ग्लेशियरों और बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है। गर्मियों के कुछ दिनों को छोड़कर यह गुफा सालभर बर्फ से ढंकी रहती है।

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