अयोध्या: शहर में जगह-जगह खुदे गड्ढों में भरा पानी, बारिश से ग्रामीणों को मिली राहत

अयोध्या: शहर में जगह-जगह खुदे गड्ढों में भरा पानी, बारिश से ग्रामीणों को मिली राहत

अयोध्या। जनपद में छह घंटे की झमाझम बारिश से तन – मन तो धुले, लेकिन उसी के साथ निगम के जलभराव न होने के दावे भी धुल गए। सुबह करीब 9 बजे से दोपहर ढाई बजे तक बरसे बादलों ने पूरी फिजा ही बदल दी। तपन और उमस से राहत मिलते ही लोगों के चेहरे …

अयोध्या। जनपद में छह घंटे की झमाझम बारिश से तन – मन तो धुले, लेकिन उसी के साथ निगम के जलभराव न होने के दावे भी धुल गए। सुबह करीब 9 बजे से दोपहर ढाई बजे तक बरसे बादलों ने पूरी फिजा ही बदल दी। तपन और उमस से राहत मिलते ही लोगों के चेहरे खिलखिला उठे। बताया गया है करीब 29.4 मिली मीटर वर्षा रेकार्ड की गई है।

मौसम का मिजाज तो बुधवार से ही बदल गया था लेकिन गुरुवार सुबह से ही आसमान पर छाई काली घटाओं ने जब बरसना शुरू किया तो लोग चहक उठे। शुरुआत पहले रिमझिम बारिश से हुई उसके बाद 11 से एक बजे तक झमाझम होती रही। इसके बाद हल्की झींसी का दौर तीन बजे तक चलता रहा। खासकर युवाओं की टोलियां बाइक सवार होकर फरार्टा भर्ती नजर आई।

स्कूल से आने जाने वाले बच्चे भी मस्ती करते हुए घरों को लौटे। हालांकि बारिश से पहले नगर निगम द्वारा जलभराव न होने देने का दावा भी बेमानी साबित हुआ। बारिश से पहले अभी तक मात्र 40 फीसदी नालों की ही सफाई हो सकी है वहीं जगह जगह सीवर लाइन के लिए खुदे गड्ढे लोगों के लिए आफत जरूर बन गए।

रिकाबगंज से चौक मार्ग एक तरफ खुदा है। बारिश ने ऐसी मिट्टी बहाई की दूसरी लेन तक कीचड़ फैल गई। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं कंधारी बाजार, आवास विकास, अमानीगंज कालोनी, चौक सब्जी मंडी, नियांवा और हसनू कटरा समेत आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों में जलभराव हो गया। हालांकि बारिश थमने के बाद पानी निकल गया।

मौसम सुहावना, एसी-कूलर बंद

बारिश के बाद लोगों को ऐसी राहत मिली कि एसी और कूलर को बंद करना पड़ा। जिस पंखे से अभी तक सुकून नहीं मिल रहा था वही पंखा आज बदन में सर्दी जैसी सुरसुरी छुड़ा रहा था। सड़कों पर लोग फुल शर्ट में नजर आए। हालांकि बारिश के कारण मार्केट में सन्नाटा भी रहा।

2 जुलाई तक ऐसी ही बरसात होती रहेगी। किसान अपनी खेती की तैयारी में जुट जाएं और समय से फसलों की बुआई के साथ वे धान की रोपाई भी कर लें। यह बारिश बुआई और रोपाई के लिए लाभदायक है। डॉ. सीताराम मिश्र, वैज्ञानिक,आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय

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