द्वादशी तिथि का महत्व, जाने-अनजाने में किए पाप हो जाते हैं खत्म.. अपनाएं ये उपाय

द्वादशी तिथि का महत्व, जाने-अनजाने में किए पाप हो जाते हैं खत्म.. अपनाएं ये उपाय

हल्द्वानी, अमृत विचार। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि इस बार कल यानि 25 जून को पड़ रही है। इस तिथि के स्वामी भगवान विष्णु होते हैं। इसलिए इस दिन विष्णुजी की पूजा करने का विधान पुराणों में बताया गया है। इस दिन तीर्थ स्नान या गंगाजल मिले पानी से नहाने पर जाने-अनजाने …

हल्द्वानी, अमृत विचार। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि इस बार कल यानि 25 जून को पड़ रही है। इस तिथि के स्वामी भगवान विष्णु होते हैं। इसलिए इस दिन विष्णुजी की पूजा करने का विधान पुराणों में बताया गया है।

इस दिन तीर्थ स्नान या गंगाजल मिले पानी से नहाने पर जाने-अनजाने में हुए पाप स्वत: खत्म हो जाते हैं। भगवान विष्णु की तिथि होने से इस दिन व्रत और पूजा करने से कई पुण्य फल मिलता है। नारद पुराण का कहना है कि द्वादशी तिथि पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने और बारह नाम बोलते हुए सूर्य को प्रणाम करने से दोष खत्म होते हैं। बीमारियां दूर होती हैं और उम्र भी बढ़ती है।

ज्योतिषाचार्य डॉ.मंजू जोशी का कहना है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से हर बीमारी और,दोष और पापों को नाश होता है बस पूरी श्रद्धा और नियम से कुछ उपाय करने होते हैं। इस तिथि पर भगवान विष्णु के 12 नामों से पूजा करनी चाहिए। साथ ही ब्राह्मण भोजन या जरूरतमंद लोगों को अन्नदान करना चाहिए। ऐसा करने से हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं और कभी न खत्म होने वाला अक्षय पुण्य भी मिलता है।

क्या करें, कैसे करें
सूर्योदय से पहले उठकर पूर्व दिशा की ओर मुंह कर के स्नान करना चाहिए और स्नान के जल में गंगाजल की कुछ बूंदे, तिल और आंवला डालकर नहाना फलदायी होता है। नहाते वक्त ऊँ नमो नारायणाय बोलते हुए स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से हर तरह के पाप खत्म होते हैं।

ऐसे करें पूजा
स्कन्द पुराण और महाभारत के अश्वमेधिक पर्व में बताया गया है कि हर महीने की द्वादशी तिथि पर शंख में दूध और गंगाजल मिलाकर भगवान विष्णु या श्री कृष्ण की मूर्ति का अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद पूजन सामग्री और फिर तुलसी पत्र चढ़ाएं। पूजा में भगवान विष्णु को ऋतु फल (मौसमी फल) अर्पित करना चाहिए। इसके बाद नैवेद्य लगाकर प्रसाद बांटे। फिर ब्राह्मण भोजन या जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाए। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप और दोष खत्म होते हैं।

नारद पुराण में सूर्य पूजा का महत्व
नारद पुराण में कहा गया है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु के ही रूप द्वादश आदित्यों की पूजा करनी चाहिए। इस तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। इसके बाद उगते हुए सूरज को जल चढ़ाना चाहिए और द्वादश आदित्यों के नाम का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से बीमारियां खत्म होने लगती है और उम्र भी बढ़ती है।