शाहजहांपुर में इस मंदिर के कपाट खुले, साल में दो बार ही होते हैं देवी दर्शन

शाहजहांपुर में इस मंदिर के कपाट खुले, साल में दो बार ही होते हैं देवी दर्शन

कांट/शाहजहांपुर, अमृत विचार: क्षेत्र के कुर्रिया कलां के प्रसिद्ध दुर्गा देवी मंदिर के कपाट सोमवार को पूजा अर्चना के बाद मंदिर के पुजारी ने सुबह चार बजे खोल दिए। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं का रेला मां के दर्शनों के लिए उमड़ पड़ा। हर कोई पहले मां के दर्शन करना चाहता था। माता के दरबार में कपाट खोलने के प्रथम दिन में शाहजहांपुर जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह, पुलिस कप्तान राजेश द्विवेदी, प्रगतिशील किसान सहित तमाम राजनीतिक हस्तियां एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर पूजा अर्चना की।

मंदिर में भीड़ को देखते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। चौकी इंचार्ज लगातार मेले की निगरानी कर रहे थे।दूर दूर से आए लोग मंदिर के बाहर रात से ही मंदिर के कपाट खुलने का इंतजार कर रहे थे, जैसे ही मंदिर के कपाट खुले सभी लोग मां के जयकारे लगाते हुए दर्शन के लिए दौड़ पड़े।

मंदिर के बाहर नाई लोग बच्चों के मुंडन संस्कार कर रहे थे। जिन लोगों ने मां के दरबार में अपने बच्चों के लिए मां से मन्नत मांगी थी, वह लोग अपने बच्चों का मुंडन करवा रहे थे। मां के दर्शन करने के बाद महिलाओं और बच्चों ने मेले में अपनी जरूरत के समान खरीदे, सबसे ज्यादा भीड़ चूड़ियों की दुकानों, और झूलों पर दिख रही थी। महिलाएं जहां रंग बिरंगी चूड़ियां खरीद रही थी, वहीं बच्चे झूला का आनंद ले रहे थे।

कांट से 14 किलोमीटर दूर कुर्रिया कलां
कुर्रिया कलां स्थित प्राचीन देवी मंदिर के पुजारी गुरुदेव दीक्षित ने बताया कि चैत्र नवरात्र के समापन पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ मंदिर के कपाट सात अप्रैल दिन सोमवार को तड़के चार बजे खोल दिए गए हैं। भक्त दोपहर एक बजे तक और शाम चार बजे से रात साढ़े आठ बजे तक मां का दर्शन कर सकेंगे।

साल में छह दिन खुलता है मंदिर
प्रदेश का एकमात्र देवी मंदिर कुर्रिया कलां में स्थित है जो कि साल में केवल छह दिन ही खुलता है।चैत्र नवरात्र के समापन पर केवल तीन दिन और क्वार माह के नवरात्र समापन पर तीन दिन के लिए मंदिर खुलता है। बाकी पूरे वर्ष मंदिर के कपाट आम जनमानस के लिए बंद रहते हैं। मंदिर में रोज की पूजा अर्चना मंदिर के पुजारी द्वारा होती रहती है।तीन दिन के देवी दर्शन के दौरान जिले के साथ ही आसपास के कई जनपदों के हजारों श्रद्धालु यहां पूजा पाठ करने आते हैं।इस मंदिर के प्रति लोगो की गहरी आस्था जुड़ी हुई है।

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