बरेली: 15 सौ की थी परमिशन, मैदान में पहुंचे 10 हजार लोग, रिपोर्ट दर्ज

बरेली: 15 सौ की थी परमिशन, मैदान में पहुंचे 10 हजार लोग, रिपोर्ट दर्ज

बरेली, अमृत विचार। पैंगबर साहब पर विवादित टिप्पणी को लेकर आईएमसी ने नूपुर शर्मा के गिरफ्तारी को लेकर इस्लामिया ग्राउंड में शांतिपूर्ण तरीके से यौम ए दुरूद के आयोजन के लिए परमिशन मांगी थी। इसपर उन्हें 15 सौ लोगों के लिए परमीशन दी गई थी लेकिन कार्यक्रम में 10 हजार से अधिक लोग पहुंच गए। …

बरेली, अमृत विचार। पैंगबर साहब पर विवादित टिप्पणी को लेकर आईएमसी ने नूपुर शर्मा के गिरफ्तारी को लेकर इस्लामिया ग्राउंड में शांतिपूर्ण तरीके से यौम ए दुरूद के आयोजन के लिए परमिशन मांगी थी। इसपर उन्हें 15 सौ लोगों के लिए परमीशन दी गई थी लेकिन कार्यक्रम में 10 हजार से अधिक लोग पहुंच गए। इसकी जानकारी होने पर सिटी मजिस्ट्रेट की शिकायत पर पुलिस ने आईएमसी के जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

सिटी मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय की ओर से कोतवाली में दी गई शिकायत के अनुसार 19 जून को इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) द्वारा नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से यौम ए दुरूद के आयोजन की अनुमति मांगी गई थी। इसके बाद उन्हें विभिन्न शर्तों के साथ अनुमति प्रदान की गई थी। 1500 लोगों के शामिल होने की अनुमति प्रदान की गई थी, लेकिन कार्यक्रम में 10,000 से अधिक लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

इससे जाहिर है कि आयोजक गण द्वारा धारा 144 में दिए गए शर्तों के अधीन दी गई अनुमति का उल्लंघन किया गया। इसके चलते परमिशन लेने वाले आईएमसी के जिला अध्यक्ष मोहम्मद फरहत खान और महानगर अध्यक्ष मखदूम बेग के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाए। जिसपर कोतवाली पुलिस ने सोमवार को आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

इस्लामिया ग्राउंड में कार्यक्रम के लिए 15 सौ लोगों की अनुमति दी गई थी। लेकिन वहां पर अनुमति से अधिक लोग पहुंचे थे। सिटी मजिस्ट्रेट की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। कानूनी कार्रवाई की जा रही हैरोहित सिंह सजवाण, एसएसपी।

क्या मिल सकती है सजा?
आईपीसी की धारा 188 के तहत सजा के दो प्रावधान हैं। पहला – यदि सरकार या किसी सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का उल्लंघन करता है, या आपकी किसी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचता है, तो इस मामले में कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।

वहीं दूसरा- अगर कोई सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता है, तो आपको कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।

यह भी पढ़ें- बरेली: प्रेरणा पत्रिका में भदपुरा के प्राथमिक स्कूल को मिला स्थान