लखनऊ : बिल्डरों पर लोगों का करोड़ों बकाया पर वसूली नहीं

लखनऊ : बिल्डरों पर लोगों का करोड़ों बकाया पर वसूली नहीं

लखनऊ । राजधानी के नामचीन बिल्डर लोगाें का करोड़ो रुपये दबाए बैठे हैं। अकेले पार्थ इन्फ्राबिल्ड प्रा.लि. पर आठ करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी है लेकिन बिल्डर उन्हें न तो फ्लैट दे रहा है और न ही रुपया वापस लौटा रहा है। उधर, रेरा के आदेश के बाद भी तीन साल से सदर तहसील …

लखनऊ । राजधानी के नामचीन बिल्डर लोगाें का करोड़ो रुपये दबाए बैठे हैं। अकेले पार्थ इन्फ्राबिल्ड प्रा.लि. पर आठ करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी है लेकिन बिल्डर उन्हें न तो फ्लैट दे रहा है और न ही रुपया वापस लौटा रहा है। उधर, रेरा के आदेश के बाद भी तीन साल से सदर तहसील बिल्डर से धनराशि की वसूली नहीं कर पायी है। वसूली के लिए रेरा जिलाधिकारी को पत्राचार कर रहा है लेकिन प्रशासन का ढुलमुल रवैया जारी है।

प्रोजेक्ट के नाम पर नामी बिल्डर पार्थ इन्फ्राबिल्ड प्रा.लि. ने राजधानी में फ्लैट और भूखंड देने का सब्जबाग दिखाकर लोगों से करोड़ों रुपये जमा कराए थे। पूरा पैसा जमा कराने के बावजूद भी बिल्डर अपने ग्राहकों को न तो फ्लैट दे पाया और न ही उनके पैसे लौटाए हैं। बिल्डर के चक्कर लगाने के बाद मजबूर होकर ग्राहकों ने भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण रेरा में पार्थ इन्फ्राबिल्ड प्रा.लि. के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

रेरा ने सुनवाई के बाद बिल्डर को 36 ग्राहकों का 8 करोड़ 21 लाख 5 हजार 401 रुपये लौटाने का आदेश जारी किया था। ग्राहकों को पैसा न लौटाने पर रेरा ने बिल्डर के खिलाफ वसूली के लिए जिलाधिकारी को आदेशित किया था। जिलाधिकारी ने बिल्डर के खिलाफ 2020 से 2022 तक धनराशि वसूली के लिए 36 आरसी जारी की थी। जिलाधिकारी के आदेशों के तीन साल बाद भी सदर तहसील बिल्डर से एक रुपये की वसूली नहीं कर पायी है। अब पुन: रेरा ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर वसूली नहीं होने पर नाराजगी जताई है। रेरा के पत्राचार के बाद एडीएम वित्त एवं राजस्व बिपिन मिश्रा ने सदर तहसीलदार को जल्द से जल्द बिल्डर से आरसी की वसूली करने के निर्देश दिए हैं।

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