बेटियों! हमें नाज है तुम पर, पुलिस अकादमी में लहराया पूर्वांचल का परचम

श्रीशचंद्र मिश्र, अमृत विचार। डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी के परेड ग्राउंड में मंगलवार को नया इतिहास रचा गया। डीएसपी व घुड़सवार सिपाहियों की पासिंग आउट परेड में जो चार सर्वश्रेष्ठ कैडिट चुने गए, वह सभी पूर्वांचल के रहने वाले हैं। होनहार कैडेटों का सम्मान गुरुुकुल ने दिल खोलकर किया। सर्वांग सर्वोत्तम चुनी गईं, प्रतापगढ़ …
श्रीशचंद्र मिश्र, अमृत विचार। डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी के परेड ग्राउंड में मंगलवार को नया इतिहास रचा गया। डीएसपी व घुड़सवार सिपाहियों की पासिंग आउट परेड में जो चार सर्वश्रेष्ठ कैडिट चुने गए, वह सभी पूर्वांचल के रहने वाले हैं। होनहार कैडेटों का सम्मान गुरुुकुल ने दिल खोलकर किया। सर्वांग सर्वोत्तम चुनी गईं, प्रतापगढ़ की शुचिता सिंह को डीजी प्रशिक्षण ने तलवार देकर सम्मानित किया। होनहार बेटी तलवार व प्रशस्ति पत्र पाकर फूले नहीं समाई। रोमांच से भरे अनूठे क्षण की अनुभूति देवरिया के रहने वाले सर्वश्रेष्ठ घुड़सवार सिपाही सत्यम सिंह व राहुल यादव ने भी की। दोनों के चेहरे पर दमक रही।
प्रतापगढ़ की शुचिता सिंह बनीं सर्वांग सर्वोत्तम कैडेट
प्रतापगढ़ जिले के बहूचरा गांव की रहने वाली डीएसपी शुचिता सिंह सर्वांग सर्वोत्म कैडेट बनीं। एक वर्षीय प्रशिक्षण सत्र के बाबत शुचिता ने बताया कि इंडोर प्रशिक्षण सीआरपीसी, कंप्यूटर व फोरेंसिक साइंस विषयों पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सफलता का कारण बना। किया। इतिहास विषय की वह गोल्ड मेडलिस्ट छात्रा रहीं। पिता मध्यप्रदेश के रीवा जिले में एसडीएम हैं। आधी आबादी सशक्त बने, यह लक्ष्य है। पीड़ितों को त्वरि न्याय दिलाएंगी। पहली पोस्टिंग मेरठ में मिली हैं। इधर, पासिंग अाउट परेड के बाद डीएसपी दीपक तिवारी ने खुशी से पत्नी को गले लगाया।
प्रयागराज के राघवेंद्र सिंह बने आउट डोर टॉपर
प्रयागराज के धूमनगंज में पिता व परिवार के साथ रहने वाले डीएसपी राघवेंद्र सिंह मूलरूप से कौशांबी के रहने वाले हैं। राघवेंद्र ने बताया कि घुड़सवारी, योगा, यूएसी में अद्भुत प्रदर्शन के बल पर वह आउट डोर के टॉपर बने। राघवेंद्र के पिता संतोष कुमार सिंह पशुधन प्रसार अधिकारी हैं। तीन भाई-बहनों में वह सबसे छोटे हैं। दोनों बड़े भाई-बहन अध्यापक हैं। इलेक्ट्रॉनिक में बीटेक करने वाले राघवेंद्र नारकोटिक्स विभाग में तैनात रह चुके हैं। सीओ के रूप में पहली तैनाती उन्हें बलरामपुर में मिली है। राघवेंद्र ने बताया कि यह अंतिम मंजिल नहीं है। यूपीएससी क्रैक करना जीवन का लक्ष्य है। आईपीएस बनना उनका सपना है। फिलहाल के दायित्व व कर्तव्यों के बाबत उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता व कानून व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता है। पीड़ित, वंचित व शोषित समाज के लिए न्याय सुलभ हो, यह कोशिश ताउम्र करते रहेंगे। राघवेंद्र को पहली तैनाती बलरामपुर में मिली है।
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