पीलीभीत: चिटफंड कंपनी बनाकर जालसाजों ने ठगे 40 लाख

पीलीभीत: चिटफंड कंपनी बनाकर जालसाजों ने ठगे 40 लाख

पीलीभीत, अमृत विचार। चिटफंड कंपनी बनाकर जालसालों ने जरूरतमंदों को रकम दोगुना करने का झांसा देकर चालीस लाख रुपये ठग लिए। कई दिनों तक रुपये लौटाने के लिए चक्कर लगवाए जाते रहे और फिर अचानक दफ्तर बंद कर भाग गए। उपभोक्ताओं ने जब कंपनी कर्मचारियों से तगादा शुरू किया तो वह जालसाजों तक पहुंचे। मगर, …

पीलीभीत, अमृत विचार। चिटफंड कंपनी बनाकर जालसालों ने जरूरतमंदों को रकम दोगुना करने का झांसा देकर चालीस लाख रुपये ठग लिए। कई दिनों तक रुपये लौटाने के लिए चक्कर लगवाए जाते रहे और फिर अचानक दफ्तर बंद कर भाग गए। उपभोक्ताओं ने जब कंपनी कर्मचारियों से तगादा शुरू किया तो वह जालसाजों तक पहुंचे। मगर, उन्हें भी डरा धमकाकर भगा दिया गया। अब कोर्ट के आदेश पर सुनगढ़ी पुलिस ने कंपनी में ही कार्यरत रहे एक कर्मचारी की ओर से सात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में नामजद रिपोर्ट दर्ज की है।

शाहजहांपुर जनपद के खुटार थाना क्षेत्र के गांव नवदिया नवाजपुर निवासी अशोक कुमार पुत्र लेखराज की ओर से कोर्ट के आदेश पर सुनगढ़ी थाने में एफआईआर दर्ज की गई। जिसमें मुरादाबाद जनपद के मझोला थाना क्षेत्र के मंडी समिति पीतमनगर निवासी कंपनी डायरेक्टर महिपाल सिंह, बिजनौर के देहारी फतेहपुर बुलंदी डायरेक्टर विसंभर दयाल शर्मा, मेरठ के देहली गेट थाना क्षेत्र के गेझा मोहिद्दीनपुर निवासी डायरेक्टर कपिल कुमार, मुरादाबाद के सदलीपुर गांव निवासी डवलपमेंट ऑफिसर मोहित कुमार, मंडी समिति पीतमनगर निवासी मैमोरेंडम लोकेश देवी और बिजनौर के देहरा बुलंदी गांव निवासी परवेंदर कुमार को आरोपी बनाया।

दर्ज की गई रिपोर्ट में पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने अगस्त 2015 में अपनी कंपनी श्रीगुरु कृपा इंद्रा साल्युशन इंडिया लिमिटेड में पीड़ित को डेवलपमेंट ऑफिसर पद पर नौकरी दी थी। पीलीभीत में कंपनी का कार्यालय सुनगढ़ी क्षेत्र में मछली मंडी रोड पर खोला गया था। जिसके बाद पीड़ित ने अपने व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर 25 एजेंट बनाए। उनके जरिए लोगों के खाते खोले गए। जिससे कंपनी में करीब तीस लाख रुपये जमा कराए थे। तीन माह काम कराने के बाद पीड़ित को हटा दिया गया। उसके बाद इस कंपनी को बंद कर दूसरी कंपनी श्री गुरुकृपा म्यूबल बेनिफिट निधि लिमिटेड नाम से खोली गई, जिसमें दोबारा नौकरी पर रख लिया गया।

इस बार भी 10 लाख रुपये कंपनी में जमा कराए गए। उपभोक्तओं को रुपये वापस करने का नंबर आया तो पहले टालमटोल की गई। फिर कुल जमा कराए गए 40 लाख रुपये लेकर आरोपी कंपनी बंद करके भाग गए। जिनकी रकम फंसी वह पीड़ित के घर चक्कर लगा रहे थे। ऐसे में जब आरोपियों से संपर्क साधा गया तो उन्होंने अभद्रता कर धमका दिया। रुपये लौटाने से भी इनकार कर दिया गया। उसी वक्त पुलिस से शिकायत की गई, लेकिनकार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली और तब जाकर कार्रवाई हो सकी।

कोर्ट के आदेश पर एक एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें कंपनी बनाकर ठगी करने का आरोप है। सात लोगों को नामजद किया गया है। विवेचना में जो तथ्य सामने आएंगे। उसी आधार पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।- बलवीर सिंह, इंस्पेक्टर सुनगढ़ी।

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