बरेली: सड़कों पर दौड़ रहे 260 अनफिट स्कूली वाहन

बरेली, अमृत विचार। शहर की सड़कों पर दौड़ रहे स्कूली वाहनों से ले जाए जा रहे बच्चों की जान जोखिम में डालकर सफर किया जा रहा है। जिले में 700 से अधिक स्कूली वाहन पंजीकृत हैं, लेकिन उनमें से 250 से अधिक अनफिट है। आरटीओ ने ऐसे वाहन मालिकों को नोटिस भेजा है। बता दें …
बरेली, अमृत विचार। शहर की सड़कों पर दौड़ रहे स्कूली वाहनों से ले जाए जा रहे बच्चों की जान जोखिम में डालकर सफर किया जा रहा है। जिले में 700 से अधिक स्कूली वाहन पंजीकृत हैं, लेकिन उनमें से 250 से अधिक अनफिट है। आरटीओ ने ऐसे वाहन मालिकों को नोटिस भेजा है। बता दें कि कमिशनरी सभागार में मंडलायुक्त और आईजी की मौजूदगी में हुई बैठक में भी डग्गामार वाहनों के साथ स्कूली वाहनों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे।
जिले में 784 स्कूली वाहन पंजीकृत हैं, इनमें 500 बसें और अन्य वाहन हैं। जांच में पाया गया है कि 260 स्कूली वाहन अनफिट हैं। अनफिट वाहनों से हादसा हो सकता है। इसके बावजूद इन वाहनों को दौड़ाया जा रहा है। बच्चों के अभिभावकों को भी इस बारे में जानकारी नहीं है, जबकि किराए का पूरा पैसा स्कूल द्वारा वसूला जाता है।
ऐसे में सीधे तौर पर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। इतना ही नहीं, स्कूली बच्चों के लिए असुरक्षित कह जाने वाले ई-रिक्शा और टेंपो भी अब स्कूली वाहन बनकर बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर ले जाते दिखाई देते हैं। इनमें बच्चों की सुरक्षा की कोई भी गारंटी नहीं है।
अभिभावकों की लापरवाही और स्कूल संचालकों की मनमानी बच्चों पर भारी पड़ रही है। वह हर रोज शिक्षा पाने के लिए अपने इन अनफिट वाहनों में बैठकर अपना बचपन दांव पर लगाते हैं, लेकिन इसके बाद भी इन वाहनों पर रोक नहीं लग रही है। कार्रवाई के नाम पर एक दो वाहनों को सीज कर खानापूर्ति कर ली जाती है।
सीएम की सख्ती के बाद कुछ दिन चला था अभियान
गाजियाबाद में हुए हादसे में छात्र की मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों में खटारा और अनफिट वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अधिकारियों ने एक सप्ताह तक अभियान चलाकर वाहनों का चालान काटकर उन्हें सीज भी किया था। मगर अब फिर से सड़कों पर खटारा और ओवरलोडिंग स्कूली वाहन दौड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
स्कूली वाहनों के मानक
– चालक और बच्चों को चढ़ाने-उतारने के लिए परिचालक वर्दी में हो।
– बस के आगे-पीछे चालक, परिचालक व स्कूल प्रबंधन का फोन नंबर लिखा हो।
– बच्चों को पकड़ने के लिए सीट के पीछे हैंडिल जरूरी हो।
– स्कूल वाहन का रंग पीला हो।
– बस की खिड़की पर जाली लगी होनी चाहिए।
– स्कूल बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।
– स्कूल वाहन में फर्स्ट एड बाॅक्स और अग्निशमन यंत्र लगा हो।
-पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर लिखा होना चाहिए।
– सीट से अधिक बच्चे नहीं बैठने चाहिए।
अनफिट स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। टीम ने वाहनों को सीज करने के साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी की है। वहीं अनफिट मिलने पर वाहन मालिकों को नोटिस जारी किए गए हैं।—दिनेश कुमार सिंह, आरटीओ प्रवर्तन
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