हल्द्वानी: देवबंद में रची गई वादियों को अशांत करने की साजिश!

हल्द्वानी: देवबंद में रची गई वादियों को अशांत करने की साजिश!

सर्वेश तिवारी, अमृत विचार, हल्द्वानी। कच्चे-पक्के अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का वीडियो कुछ ही देर में उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश पहुंचा दिया गया। कुछ वक्त बाद ही इस वीडियो को एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। यह वीडियो नैनीताल पहुंचा तो हड़कंप मच गया। क्योंकि यह एक साजिश थी और इस …

सर्वेश तिवारी, अमृत विचार, हल्द्वानी। कच्चे-पक्के अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का वीडियो कुछ ही देर में उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश पहुंचा दिया गया। कुछ वक्त बाद ही इस वीडियो को एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। यह वीडियो नैनीताल पहुंचा तो हड़कंप मच गया। क्योंकि यह एक साजिश थी और इस साजिश को सहारनपुर जिले के देवबंद में रचा गया।

कुछ दिन पहले नैनीताल नगर पालिका, जिला प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से बारा पत्थर में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया था। बताया जाता है कि इस अभियान का कुछ लोगों ने वीडियो बनाया और यह वीडियो नैनीताल से उत्तर प्रदेश के सहारपुर जिले में स्थित देवबंद पहुंचा दिया गया।

पुलिस की मानें तो वीडियो को देवबंद में ही एडिट किया था, जिसके बाद यह एडिट वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा और इसी वीडियो को एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल पर स्टेटस लगा लिया, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा। पुलिस ने भी सतर्कता बरतते हुए स्टेटस लगाने वाले को हिरासत में लेकर पूछताछ की और उसके मोबाइल को जब्त कर सर्विलांस टीम के सुपुर्द कर दिया।

बहरहाल, नैनीताल में वीडियो बनाने से लेकर उसे एडिट करने और वायरल करने में कुछ घंटों का ही वक्त लगा। सूत्रों की मानें तो यह एक सोची-समझी साजिश थी ताकि नैनीताल की शांत वादियों को अशांत किया जा सके। हालांकि, पुलिस की सक्रियता ने ऐसा होने नहीं दिया। पुलिस ने अभी तक इस मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं की है, लेकिन जांच जारी है।

नासमझ सही, नीयत नहीं है सही
हल्द्वानी। जिस व्यक्ति ने वीडियो को अपने मोबाइल के स्टेटस पर लगाया, उससे पूछताछ में कुछ अहम जानकारी पुलिस को नहीं मिली है। बताया जाता है कि आरोपी ने एक माह पहले ही नया मोबाइल खरीदा था। उसने अपने मोबाइल पर जान बूझकर वीडियो को स्टेटस लगाया था। पुलिस का मानना है कि उस व्यक्ति ने वीडियो को वायरल नहीं किया था, इसलिए उसे आरोपी भी नहीं बनाया जा सकता और यह सब नासमझी में हुआ। हालांकि, वह नासमझ हो सकता है, लेकिन गलत लोग ऐसे व्यक्ति का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसा वायरल वीडियो के मामले में देखने को भी मिला। उसने बिना सोचे-समझे वीडियो को वायरल कर दिया।

पुलिस ने कैसे किया सही-गलत का फैसला
हल्द्वानी। कोई व्यक्ति अपराधी है या निर्दोष, यह साबित करने के लिए देश में अदालतें हैं। किसी को क्लीन चिट देने का काम पुलिस का नहीं है। जैसा ही वायरल वीडियो के मामले में देखने को मिला है। कानून तो यह कहता है कि मामले में लिखित शिकायत मिलने के बाद पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए थी। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जांच का काम शुरू होता। पुलिस अपनी रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट के समझ रखती और कोर्ट इस बात का फैसला करता कि स्टेटस लगाने वाला नासमझ है या फिर दोषी।

 वायरल वीडियो देवबंद से जारी हुआ, जो नैनीताल में वायरल हुआ। मामले में एक व्यक्ति से पूछताछ के बाद उसका मोबाइल जब्त किया गया है। जिसकी जांच साइबर सेल कर रहा है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
– पंकज भट्ट, एसएसपी नैनीताल