बरेली: चौपुला चौराहे से कुतुबखाना तक 27 अवैध कब्जों पर चला बुलडोजर

बरेली: चौपुला चौराहे से कुतुबखाना तक 27 अवैध कब्जों पर चला बुलडोजर

अमृत विचार, बरेली। नगर निगम का बुलडोजर दूसरे दिन चौपुला चौराहा से कुतुबखाना तक खूब गरजा। सड़क किनारे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने से पहले निगम अधिकारियों ने लोगों से स्वयं ही सामान को हटाने को कहा। लोगों ने स्वयं सामान नहीं हटाया तो बुलडोजर से उनके सामान और अतिक्रमण को एक पल में …

अमृत विचार, बरेली। नगर निगम का बुलडोजर दूसरे दिन चौपुला चौराहा से कुतुबखाना तक खूब गरजा। सड़क किनारे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने से पहले निगम अधिकारियों ने लोगों से स्वयं ही सामान को हटाने को कहा। लोगों ने स्वयं सामान नहीं हटाया तो बुलडोजर से उनके सामान और अतिक्रमण को एक पल में ध्वस्त कर दिया। बुधवार को 27 लोगों के अवैध कब्जे ध्वस्त किए गए। अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन पुलिस फोर्स के आगे वह कुछ न कर सके और अपना आशियाना ध्वस्त होते देखते रहे।

शहर में दो दिन से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। बुधवार को चौपुला चौराहे से कुतुबखाना तक सड़क किनारे की जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया। अभियान के दौरान निगम के अधिकारियों के साथ पुलिस बल मौजूद रहा। नगर निगम की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार अभियान में 27 लोगों के अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। इसमें आकाश पुत्र ओम प्रकाश, धर्मेंद्र यादव पुत्र सोमपाल यादव, राजीव भल्ला, राकेश सैनेट्री एडं हार्डवेयर, बलवीर गुप्ता प्रमुख हैं। सड़क किनारे लगी झोपड़ी, छप्पर, अवैध खोखा, अवैध काउंटरों को ध्वस्त किया गया।

साहब… थोड़ा समय दे दो हम हटा लेंगे
नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत ऐसे लोगों की संख्या अधिक थी जो कि अधिकारियों से अतिक्रमण हटाने के लिए समय मांग रहे थे। महिलाएं अधिकारियों के समक्ष हाथ जोड़कर गुहार लगा रही थीं, लेकिन अधिकारी यह कहते हुए पल्ला झाड़ने में लगे रहे कि वह कुछ नहीं कर सकते हैं। ऊपर से आदेश है।

किसी की टीवी टूटी तो किसी का फ्रिज
अतिक्रमण हटाओ अभियान में भले ही नगर निगम ने झोपड़ी ध्वस्त की हो, लेकिन इन झोपड़ियों में टीवी और फ्रिज भी रखे हुए थे। जेसीबी से अतिक्रमण हटाने के दौरान छप्पर में रखे इलेक्ट्रानिक उपकरण क्षतिग्रस्त हो गए। बुलडोजर से अवैध निर्माण ध्वस्त करने के बाद लोग अपने टूटे-फूटे सामान को एकत्रित करने में लगे रहे। लोगों का कहना था कि झोपड़ी व छप्पर के अंदर रखे सामान को निकालने का भी निगम के अधिकारियों ने मौका नहीं दिया।

हटाने से पहले कहीं तो बसा दो…
अभियान से प्रभावित लोग अधिकारियों से अन्य जमीन पर बसाने की गुहार करते दिखाई दिए। अभियान में लिखा-पढ़ी कर रहे दरोगा ने लोगों को रामगंगा के किनारे बसने का सुझाव दिया। इस पर लोगों में आक्रोश फैल गया। लोगों ने दरोगा के जाने के बाद बुरी भली कहना शुरू कर दिया। साथ ही दरोगा को ही रामगंगा नदी के किनारे बसने की नसीहत दे डाली।

सालों पुराना आशियाना एक पल में हुआ ध्वस्त
चौपुला चौराहे से कुतुबखाना तक चले अतिक्रमण हटाओ अभियान में सड़क किनारे रहकर अपना जीवन व्यतीत करने वाले लोग ज्यादा प्रभावित हुए। लोगों ने दुकान तथा मकान के आगे छप्पर लगाकर अतिक्रमण कर रखा था। इस कारण सड़क पर वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा था। इस कारण ही नगर निगम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने का निर्णय लिया। नगर निगम के बुल्डोजर के आगे लोग अपने आशियाने को ध्वस्त होते देख रोने को मजबूर थे। लोगों का कहना था कि कुछ समय दे दिया जाता तो वह स्वयं ही अपना सामान हटा लेते। सालों पुराने आशियाने को एक पल में ध्वस्त होते देख उनकी आंखों में आंसू आ गए।

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