चीन की चाल

चीन की चाल

दुनिया रूस और यूक्रेन के युद्ध से पैदा हुए संकट से जूझ रही है। इस बीच चीन ने अपनी नापाक साजिशों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। चीन अब अरुणाचल की तरह ही लद्दाख में भी अपना जाल बिछा रहा है। सीमा के पास चीन के तीन मोबाइल टावर बनाने की खबर भारत के …

दुनिया रूस और यूक्रेन के युद्ध से पैदा हुए संकट से जूझ रही है। इस बीच चीन ने अपनी नापाक साजिशों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। चीन अब अरुणाचल की तरह ही लद्दाख में भी अपना जाल बिछा रहा है। सीमा के पास चीन के तीन मोबाइल टावर बनाने की खबर भारत के लिए अच्छी नहीं है। इनका इस्तेमाल भारतीय क्षेत्र में निगरानी के लिए कर सकता है।

चीन के मोबाइल टावर लगाने से साबित हो गया है कि वह सीमावर्ती इलाकों में पकड़ मजबूत करने को लेकर गंभीर है। वह भारत के मूलभूत ढांचे को निशाना बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहा है। गत 6 अप्रैल को एक अमेरिकी साइबर सुरक्षा एजेंसी ने खुलासा किया था कि चीन द्वारा प्रायोजित हैकर्स ने लद्दाख में भारत की बिजली ग्रिडों को निशाना बनाया था।

बिजली ग्रिडों को निशाना बनाने की वारदात और साइबर जासूसी मुहिम चीन की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। दरअसल, पिछले एक दशक से भी ज्यादा अर्से से चीन व्यवस्थित रूप से भारत के खिलाफ आक्रामक साइबर कार्रवाइयों को अंजाम देता आ रहा है। पिछले साल दिसंबर में भी चीन ने उत्तरी भारत में लद्दाख और चीन व भारत को अलग करने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब बिजली की ग्रिडों को निशाना बनाकर हमले किए थे।

ये हमले जनवरी और फरवरी माह में भी जारी रहे थे। भारत ने जिस तरह से इन साइबर हमलों को नाकाम किया, उससे देश के साइबर सुरक्षा कवच की तारीफ बनती है। इसके बावजूद इन हमलों से पता चलता है कि चीन के हैकर्स एक खास भौगोलिक क्षेत्र में भारत के मूलभूत ढांचे को बार-बार निशाना बनाकर नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।

16 जनवरी को पता चला था कि चीन पैंगोंग त्सो झील के दूसरी तरफ नया ब्रिज बना रहा है। इस झील का 45 किलोमीटर लंबा पश्चिमी भाग भारतीय नियंत्रण में, जबकि शेष चीन के नियंत्रण में है। दोनों सेनाओं के बीच अधिकांश झड़पें झील के विवादित हिस्से में होती हैं। भारत ने चीन की इस हरकत पर ऐतराज जताया था।

सीमा पर लंबे समय से जारी तनावों के बीच चीन एक संदेश देना चाहता है कि रक्षा के मसले पर द्विपक्षीय प्रतिस्पर्धा भरे वातावरण में वह गैर-फौजी मोर्चा खोलने का माद्दा रखता है। इसलिए चीन की चुनौतियों का सामना करने के लिए उससे दो कदम आगे रहने की जरूरत है। साथ ही भारत को अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त उपाय करने जरूरी हैं।