अमेरिका को 40,000 टन झींगा भेजने को तैयार भारत, शुल्क बढ़ोत्तरी में रोक के बाद लिया फैसला

अमृत विचार | भारत के समुद्री खाद्य निर्यातक अमेरिका को 35,000-40,000 टन झींगा भेजने की तैयारी कर रहे हैं। उद्योग के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 26 प्रतिशत जवाबी शुल्क लगाने की योजना पर रोक लगाने के बाद ऑर्डर स्थिर बने हुए हैं। भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक संघ के महासचिव के एन. राघवन ने न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा, ‘अब हमें काफी राहत मिली है, क्योंकि हम अमेरिका के अन्य निर्यातकों के बराबर पहुंच गए हैं। अब रोके गए निर्यात को भेजने की तैयारी की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी शुल्क की घोषणा और फिर उन पर रोक के कारण लंबित हुए झींगा के करीब 2,000 कंटेनर अब निर्यात के लिए तैयार किए जा रहे हैं।
चीन के अलावा भारत समेत सभी देशों पर मूल शुल्क लागू
अस्थायी राहत के तहत चीन को छोड़कर सभी देशों पर 10 प्रतिशत का मूल शुल्क लागू रहेगा। चीन पर 145 प्रतिशत शुल्क है। अमेरिका को भारतीय झींगा निर्यात पर वर्तमान में 17.7 प्रतिशत का प्रभावी सीमा शुल्क लगता है, जिसमें 5.7 प्रतिशत प्रतिकारी शुल्क और 1.8 प्रतिशत डंपिंग रोधी शुल्क शामिल है। उद्योग जगत के सूत्रों ने बताया कि भारतीय निर्यातक आमतौर पर आपूर्ति शुल्क-भुगतान व्यवस्था के तहत शुल्क लागत वहन करते हैं, जिसका मतलब है कि पहले से अनुबंधित निर्यात को उच्च शुल्क के तहत महत्वपूर्ण अतिरिक्त खर्चों का सामना करना पड़ता।
झींगा बाजार में भारत का दबदबा
उद्योग के एक प्रतिनिधि ने कहा, ‘(अतिरिक्त शुल्क पर) 90 दिन की रोक से निर्यातकों को अतिरिक्त लागत के बिना इन ऑर्डर को पूरा करने का अवसर मिलता है।’ भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक संघ के अनुसार, अमेरिका से ऑर्डर में कोई कमी नहीं आई है, जो मात्रा और मूल्य के मामले में भारत का सबसे बड़ा झींगा बाजार बना हुआ है। भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका को 2.7 अरब अमेरिकी डॉलर का झींगा निर्यात किया। राघवन ने सरकार से आग्रह किया कि शुल्क रोक समाप्त होने से पहले आगामी व्यापार वार्ता के दौरान देश के समुद्री खाद्य निर्यात के लिए ‘‘समान अवसर’’ सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए।