हल्द्वानी: कूड़ेदान में नजर आयी दवा तो नपेगा स्कूल का स्टाफ

हल्द्वानी, अमृत विचार। स्कूली बच्चों के लिये जारी एल्बेंडाजोल दवा की बर्बादी रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने इस बार सख्ती की है। निर्देश जारी किये गये हैं कि सरकारी विद्यालयों के आसपास या कूड़ेदान में दवा मिलती है तो प्रधानाचार्य और शिक्षकों पर गाज गिरेगी। लापरवाही रोकने के लिए विद्यालयों में पंजीकृत विद्यार्थियों के …
हल्द्वानी, अमृत विचार। स्कूली बच्चों के लिये जारी एल्बेंडाजोल दवा की बर्बादी रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने इस बार सख्ती की है। निर्देश जारी किये गये हैं कि सरकारी विद्यालयों के आसपास या कूड़ेदान में दवा मिलती है तो प्रधानाचार्य और शिक्षकों पर गाज गिरेगी। लापरवाही रोकने के लिए विद्यालयों में पंजीकृत विद्यार्थियों के सापेक्ष 70 फीसदी दवा आवंटित की जा रही हैं। बच्चों को दवा खिलाने के बाद विद्यालयों को इसकी रिपोर्ट सीआरसी को सौंपनी होगी।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत विद्यालयों में कक्षा दो से 12वीं तक (छह वर्ष से 19 वर्ष तक के विद्यार्थियों को) एल्बेंडाजोल की खुराक दी जानी है। फरवरी महीने में यह दवा आवंटित की जानी थी लेकिन कोरोना काल के चलते स्कूलों के नहीं खुलने से इस बार अप्रैल में दवा स्कूलों को दी जा रही हैं। सीआरसी नगर के समन्वयक हरीश बिष्ट ने बताया कि शासन से निर्देश हैं कि स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के सापेक्ष 70 फीसदी दवा दी जा रही है। पूरी दवा वितरण के बाद ही छूटे विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को दवा दी जायेगी। उन्होंने बताया कि इसकी रिपोर्ट उन्हें देनी अनिवार्य है।
जो छूट जाएंगे, उन्हें घर पर दवा पहुंचेगी
हल्द्वानी। शिक्षा विभाग के अनुसार 18 व 19 अप्रैल को विद्यालयों में दवा खिलाई जानी है। जो विद्यार्थी छूट जाएंगे उन्हें 20 से 23 अप्रैल तक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां घर जाकर दवा खिलाएंगी। छूटे बच्चों की रिपोर्ट स्कूलों को सीआरसी में उपलब्ध करानी होगी।
दवा की बर्बादी रोकने और हर बच्चे को दवा खिलाने के निर्देश दिये हैं। लापरवाही बरतने पर कार्रवाई होगी। बर्बादी को रोकने के लिये पहले चरण में 70 फीसदी दवा आवंटित की जा रही है।
– कुंवर सिंह रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी, नैनीताल