बहराइच: जंगल में आग लगने पर अब झाड़ियों का सहारा नहीं लेंगे वनकर्मी, इस विधि से रोकेंगे आग

बहराइच: जंगल में आग लगने पर अब झाड़ियों का सहारा नहीं लेंगे वनकर्मी, इस विधि से रोकेंगे आग

बहराइच। जंगल में आग लगने पर वन विभाग को जूझना नहीं पड़ेगा। आग लगने की सूचना पर फायर बाल (बम) फेंकते ही गैस और उससे निकलने वाली पाउडर से आग आसानी से बुझ जाएगी। इसके अलावा अन्य उपकरण भी आग बुझाने में मदद करेंगे। गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगल में आग लगने की घटनाएं …

बहराइच। जंगल में आग लगने पर वन विभाग को जूझना नहीं पड़ेगा। आग लगने की सूचना पर फायर बाल (बम) फेंकते ही गैस और उससे निकलने वाली पाउडर से आग आसानी से बुझ जाएगी। इसके अलावा अन्य उपकरण भी आग बुझाने में मदद करेंगे।

गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जंगल में आग लगने से जहां वनस्पतियां जलती हैं, वहीं पौधों के प्रजनन में भी कमी आ जाती है। कभी कभी आग की चपेट मे आकर जंगली जीव भी दम तोड़ देते हैं। उपकरण विहीन वन कर्मी आग बुझाने के लिए जंगल की झाड़ियों का ही सहारा लेते हैं। लेकिन अब वन कर्मियों को झाड़ियों से छुटकारा मिल जाएगा।

प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह।

बहराइच वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि अब जंगल में आग लगने पर उपकरणों से ही काबू पाया जायेगा। उन्होंने बताया कि आग लगने पर वन कर्मी पुणे से आई बैक पैक ब्लोवर से आग बुझा देंगे। इसके अलावा जंगल में जहां आग लगी है, वहां पर फायर बाल (बम) फेंक देंगे। जिससे फायर बाल से गैस और पाउडर निकलेगी। इस पाउडर और गैस से आग पर काबू पाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही रेंज के वन कर्मियों को उपकरण उपलब्ध करा दिया है।

मई तक लगती है आग

डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि तराई के जंगल में आग अधिक मात्रा में लगती है। आग लगने का समय फरवरी के अंत से मई माह तक होती है। जिससे काफी नुकसान होता है। अब जंगल में आग लगने से नुकसान को आसानी से रोका जा सकता है।

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