लखनऊ: डॉ. एमसी सक्सेना पर दबिश के लिए पुलिस को मिल ही नहीं रहे अधिकारी, चार दिन पूर्व ही मिल चुका है सर्च वारंट

लखनऊ। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से बेहतर ग्रेड पाने के लिए मजदूरों को पैसों का लालच देकर फर्जी मरीज बनाने और फिर बंधक बनाकर जबरन वीगो और इंजेक्शन लगाने के मामले में फंसे ठाकुरगंज थानांतर्गत दुबग्गा स्थित डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल कॉलेज के खिलाफ छापेमारी करने के लिए पुलिस को सरकारी सहयोग नहीं मिल रहा …
लखनऊ। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से बेहतर ग्रेड पाने के लिए मजदूरों को पैसों का लालच देकर फर्जी मरीज बनाने और फिर बंधक बनाकर जबरन वीगो और इंजेक्शन लगाने के मामले में फंसे ठाकुरगंज थानांतर्गत दुबग्गा स्थित डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल कॉलेज के खिलाफ छापेमारी करने के लिए पुलिस को सरकारी सहयोग नहीं मिल रहा है।
विशेषज्ञ सरकारी कर्मी नहीं मिलने के कारण कॉलेज सह अस्पताल के चेयरमैन डॉ एमसी सक्सेना के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
सर्च वॉरंट मिलने के चार दिन बाद भी नहीं हो सकी छापेमारी
विदित हो कि 07 फरवरी को मामले के खुलासे के बाद पुलिस की ओर से गत 09 फरवरी को सर्च वॉरंट के याचिका दायर की गई थी। 23 दिन बाद पुलिस को गत 03 मार्च को सर्च वॉरंट मिला। 03 मार्च को ही पुलिस की ओर से छापेमारी के लिए विभिन्न सरकारी विभागों से विशेषज्ञ कर्मचारियों की मांग की गई। पर सोमवार तक कर्मचारी उपलब्ध नहीं हुए है।
सरकारी विभागों से डॉ एमसी सक्सेना के खिलाफ छापेमारी के लिए विशेषज्ञ कर्मचारी मांगे गए हैं। अबतक कर्मचारी नहीं मिले हैं। दोबारा रिमाइंडर भेजा जाएगा। विशेषज्ञों के मिलते ही छापेमारी शुरू की जाएगी।
-सोमेन वर्मा, डीसीपी पश्चिम
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