हल्द्वानी: गरीब रथ ट्रेनों का एलएचबी तकनीक से नहीं होगा संचालन

हल्द्वानी: गरीब रथ ट्रेनों का एलएचबी तकनीक से नहीं होगा संचालन

हल्द्वानी, अमृत विचार। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से चलने वाली दोनों गरीब रथ ट्रेनों को एलएचबी रेक से चलाने का निर्णय वापस ले लिया गया है। अब ये दोनों ट्रेनें कन्वेंशन एंड ऑन जनरेटर रैक्स से ही चलाई जाएंगी। एलएचबी (लिंक हॉफमेन बुश) जर्मन तकनीक है। यह अधिकतर तेज गति वाली ट्रेनों में इस्तेमाल किया जाता है। …

हल्द्वानी, अमृत विचार। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से चलने वाली दोनों गरीब रथ ट्रेनों को एलएचबी रेक से चलाने का निर्णय वापस ले लिया गया है। अब ये दोनों ट्रेनें कन्वेंशन एंड ऑन जनरेटर रैक्स से ही चलाई जाएंगी।

एलएचबी (लिंक हॉफमेन बुश) जर्मन तकनीक है। यह अधिकतर तेज गति वाली ट्रेनों में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही ज्यादा स्पेस होने से यात्री आराम से सीट पर बैठ सकते हैं। दुर्घटना होने की संभावना कम रहती है। क्योंकि ये कोच पटरी से आसानी से नहीं उतरते है। एलएचबी कोच ट्रेन में हो तो ट्रेन की गति 160 से 180 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। एलएचबी आपस में टकरा नहीं सकते हैं। एलएचबी कोच मजबूत होते हैं।

अगर दुर्घटना हो जाती है तो ये कोच एक-दूसरे पर भी नहीं चढ़ते, जिससे यात्री सुरक्षित रहते हैं। नुकसान की आशंका कम होती है। इन कोचों का ओवरऑल मेंटेनेंस तीन साल में एक बार होता है, जबकि पारंपरिक कोच का मेंटेनेंस डेढ़ से लेकर दो साल में करवाना जरूरी होता है।

रेलवे प्रशासन ने हल्द्वानी से जम्मूतवी और कानपुर को जाने वाली गरीब रथ ट्रेनों के लिए एलएचबी तकनीक का इस्तेमाल किए जाने का निर्णय लिया था। जिसे अब निरस्त कर दिया गया है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि गरीब रथ ट्रेनों में जनरेटर सह लगेज यान के दो, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के आठ और वातानुकूलित कुर्सीयान के तीन कोचों सहित कुल 13 कोच लगाये जायेंगे।