हल्द्वानी: आचार संहिता का स्वागत, भाजपा को सबक सिखाएगी जनता‌ – हरीश

हल्द्वानी: आचार संहिता का स्वागत, भाजपा को सबक सिखाएगी जनता‌ – हरीश

देहरादून, अमृत विचार। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू करने का स्वागत किया है। कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही आचार संहिता का सम्मान करती आई है। कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच आयोग की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन का सख्ती से कांग्रेस कार्यकर्ता पालन करेगी। देहरादून स्थित …

देहरादून, अमृत विचार। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू करने का स्वागत किया है। कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही आचार संहिता का सम्मान करती आई है। कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच आयोग की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन का सख्ती से कांग्रेस कार्यकर्ता पालन करेगी।

देहरादून स्थित राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर जमकर हल्ला बोला। कहा कि भाजपा कार्यकाल के दौरान उत्तराखंड में बेरोजगारी और महंगाई साल दर साल बढ़ती रही है, जिससे आमजन की मुश्किलें भी दोगुनी हो गईं हैं। आने वाले चुनाव में भाजपा को इसका परिणाम झेलना पड़ेगा।आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी विजयी होगी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड ने पिछले पांच सालों में महंगाई, बेरोजगारी, पलायन को झेला है। नौजवानों के भविष्य को रौंदने का काम किया गया है। तीन-तीन मुख्यमंत्री राज्य पर थोपे गए हैंञ। अब भाजपा अहंकार में अब तीन की जगह दस मुख्यमंत्री देने की बात कर रहे हैं।

‘हमने किया है,आगे भी करके दिखाएंगे’
– पेंशन योजनाओं के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पोस्ट के जरिए चलाए व्यंग्य बाण
कहा, सरकार ने हमारी पेंशन योजनाएं बंद कर दीं, सत्ता में वापसी पर हम दोबारा शुरू करेंगे
हल्द्वानी। आचार संहिता लागू होने से ऐन पहले पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने फेसबुक पोस्ट के जरिए भाजपा पर करारे प्रहार किए। साथ ही वादा किया कि कांग्रेस ही उम्मीदों को पूरा करेगी। रावत ने अपने पोस्ट में कहा, 2017 में जब भाजपा सत्ता में आई तो राज्य के अंदर 18 प्रकार की पेंशनों के साथ सवा सात लाख से कुछ ज्यादा पेंशनर्स राज्य में थे।

हमने प्रत्येक प्रकार के सर्जनकर्ता, कलाकार, पत्रकार, ओढ़, मिस्त्री, शिल्पी, जगरिया, डंगरिया, पुरोहितों, मौलवियों ग्रंथियों, फादरियों, किसानों आदि को भी पेंशन योजना के लिए पात्र बनाया। इस सबके परिणामस्वरूप राज्य में 2014 में 1.17लाख ऐसे पेंशनर्स थे जिनकी संख्या 2017 में बढ़कर 7.25 लाख से ऊपर पहुंच गई।

हमने एक प्रकार से समाज कल्याण की पेंशन को अपने कमजोर और वृद्ध नागरिक का अधिकार माना। हमारे बाद आने वालों ने बहुत सारी पेंशनें बंद कर दी और अब कुछ पेंशनों को नाम मात्र के लिए बढ़ाया गया। हमारा संकल्प है कि हम 18 पेंशनें जो हमारे कार्यकाल में प्रचलित थी उनको फिर से यथावत रखेंगे। उनके अलावा तीन और नई पेंशनें जिनमें एक कुड़ी-बाड़ी पेंशन, दूसरा मांगलिक गीत गाने वाली महिलाओं को पेंशन और तीसरा हमने जो हमारे पंजीकृत निर्माण कर्मी हैं जो पुल, सड़क आदि के निर्माण के कामों में लगे हैं उनको भी पेंशन के दायरे में लाना है। हरीश रावत ने कहा इसीलिये मैं फिर दोहराता हूं ‘हमने किया है,आगे भी करके दिखाएंगे’।