एनपीए को कम करने को सरकार ने उठाए व्यापक कदम, पिछले 7 वर्षों में बैंकों ने की 5.49 लाख करोड़ की वसूली

नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को बताया कि गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) को कम करने एवं उनकी वसूली के लिए व्यापक कदम उठाये गये हैं और पिछले सात वर्षो में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 5.49 लाख करोड़ रूपये से अधिक राशि की वसूली की है। वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने एक प्रश्न के …
नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को बताया कि गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) को कम करने एवं उनकी वसूली के लिए व्यापक कदम उठाये गये हैं और पिछले सात वर्षो में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 5.49 लाख करोड़ रूपये से अधिक राशि की वसूली की है। वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गैर निष्पादित आस्तियों की वसूली के संबंध में भारतीय रिजर्ब बैंक ने सूचित किया है कि बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए के संदर्भ में उसने ‘वसूली दर’ को औपचारिक रूप से परिभाषित नहीं किया है।
वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि दबाव में पड़ी आस्तियों को पारदर्शितापूर्ण ढंग से स्वीकार करने के परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए 31 मार्च 2015 के 2.79 लाख करोड़ रूपये (सकल गैर निष्पादित आस्तियां दर 4.97 प्रतिशत) से बढ़़कर 31 मार्च 2018 को 8.95 लाख करोड़ रूपया (सकल गैर निष्पादित आस्तियां दर 14.58 प्रतिशत) हो गया।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार के समाधान, पुनर्पूंजीकरण एवं सुधार कदमों एवं रणनीति के कारण मार्च 3021 तक एनपीए घटकर 6.16 लाख करोड़ रूपये रह गया। लोकसभा में वर्ष 2021-22 के पूरक अनुदान की मांगों के दूसरे बैच पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले सात वर्ष में समझौते एवं अन्य उपायों से 5.49 लाख करोड़ रूपये की वसूली की। उन्होंने कहा कि जो ऋण चूककर्ता देश छोड़कर चले गए हैं, उनसे पैसा वसूला गया है और इसलिये आज बैंक सुरक्षित हैं।