अमरोहा : गन्ना भुगतान न होने पर किसानों ने लगाया जाम, एसडीएम व सीओ को सौंपा ज्ञापन

अमरोहा : गन्ना भुगतान न होने पर किसानों ने लगाया जाम, एसडीएम व सीओ को सौंपा ज्ञापन

अमरोहा, अमृत विचार। गन्ने का भुगतान न होने से नाराज किसानों ने हाईवे पर मार्च कर जाम दिया। इस दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की तथा मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम व सीओ को सौंपा। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से पुलिस फोर्स भी तैनात रही। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को भारतीय किसान …

अमरोहा, अमृत विचार। गन्ने का भुगतान न होने से नाराज किसानों ने हाईवे पर मार्च कर जाम दिया। इस दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की तथा मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम व सीओ को सौंपा। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से पुलिस फोर्स भी तैनात रही।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को भारतीय किसान भानु के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह के नेतृत्व में किसानों ने पहले रजबपुर स्थित बाजार के मैदान में पंचायत की। जिसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों पर यदि थोड़ी सी भी खुशहाली है तो उसका प्रमुख कारण गन्ने की फसल है। प्रदेश की वर्तमान जनसंख्या लगभग 24 करोड़ के करीब है और 12 करोड़ लोगों की आजीविका का कारण गन्ना एवं चीनी उद्योग हैं।

वर्तमान पेराई सत्र प्रारंभ हुए लगभग डेढ़ माह हो जाने के बाद भी कुछ चीनी मिलों ने गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया है। जो चीनी मिलें अपने गन्ना किसानों व सरकार के हित में काम कर रही हैं, उन पर दंडात्मक कार्यवाही करते हुए गन्ना आयुक्त ने उनके गन्ना क्रय केंद्रों को काटकर दूसरी चीनी मिलों को आवंटन कर दिया। जिससे गन्ना किसानों में रोष है। वर्तमान पेराई सत्र के लिए गन्ना मूल्य में जो बढ़ोतरी की गई है, वह नाकाफी है। गन्ना उत्पादन लागत के सापेक्ष इस पर विचार की आवश्यकता है।

गन्ना उत्पादन लागत में लाभांश जोड़कर तत्काल गन्ना मूल्य में बोनस जोड़कर देने की घोषणा की जाए। विगत पेराई सत्र का अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान तत्काल कराया जाए व 14 दिन के अंदर गन्ना मूल्य भुगतान करने की व्यवस्था को कायम रखा जाए। प्रदेश में गन्ना क्रय केंद्रों व चीनी मिल गेट के कांटों पर हो रही गन्ना घटतौली को रोका जाए। जनपद के नूरपुर कला-सी, देहरा बी एवं चकबारसपुर गन्ना क्रय केंद्रों को बिना किसानों की सहमति व प्रस्ताव ही डीएसएम असमोली चीनी मिल से हटाकर राणा शुगर व शाहाबाद मिल को दे दिया गया है।

इनको तत्काल वापस कर डीएसएम शुगर मिल असमोली को ही दिया जाए। लगभग 4 वर्ष पूर्व हसनपुर के नुमाइश ग्राउंड में सहकारी शुगर मिल की पेराई क्षमता दोगुनी करने की घोषणा की गई, लेकिन नहीं हुई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों को संजीवनी साबित हुई है। मोदी सरकार की तरह योगी सरकार भी छह हजार प्रति वर्ष उक्त योजना में देने की घोषणा करे। इस योजना को प्रारंभ हुए तीन वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अभी भी प्रदेश के लगभग एक करोड़ व जनपद के लगभग 41 हजार किसान उक्त योजना से वंचित हैं।

जो तहसील विभाग व कृषि विभाग की लापरवाही है। वंचित किसानों को तत्काल छूटी किश्तें दिलवाई जाएं। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेने वाले किसानों का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा अपर्याप्त है। इसको 50 हजार से बढ़ाकर पांच लाख किया जाना चाहिए। साथ ही मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा भी पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाए। प्रदूषण का भी मुददा उठाया। इसके बाद किसानों ने नारेबाजी करते हुए हाईवे पर मार्च कर जाम लगाया।

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