रामपुर: स्वार, टांडा, मसवासी, दढ़ियाल और भोट बना खनन का अड्डा

रामपुर: स्वार, टांडा, मसवासी, दढ़ियाल और भोट बना खनन का अड्डा

रामपुर, अमृत विचार। स्वार, मसवासी, टांडा, दढ़ियाल, भोट इस समय खनन का गढ़ बना हुआ है। खनन माफिया धड़ल्ले से नादियों के घाटों और खेतों से अवैध खनन कर रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक जेसीबी चल रही हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन इन खनन माफियाओं पर अकुंश लगाने में नाकाम साबित हो रहा …

रामपुर, अमृत विचार। स्वार, मसवासी, टांडा, दढ़ियाल, भोट इस समय खनन का गढ़ बना हुआ है। खनन माफिया धड़ल्ले से नादियों के घाटों और खेतों से अवैध खनन कर रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक जेसीबी चल रही हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन इन खनन माफियाओं पर अकुंश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है।

वहीं ओवरलोड खनन वाहन हादसे का भी कारण बनते हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर एआरटीओ तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे खनन माफिया लगातार सक्रिय हैं। जिले में खनन लगातार बढ़ता जा रहा है। खनन के मामले में रामपुर प्रदेश तक बदनाम हो चुका है। लेकिन उसके बाद भी अधिकारी इस खनन को जड़ से खत्म करने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

स्वार, टांडा, मसवासी, खौद, दढ़ियाल और भोट में जमकर अवैध खनन हो रहा है। इसके चलते मार्गों पर रेत और मिट्टी से भरे वाहन सरपट दौड़ते नजर आते हैं। खनन के धंधेबाजों ने जगह-जगह नदियों के घाटों, खेतों को अपना निशाना बना रखा है। शाम होते ही मशीनें गड़गड़ाने लगती हैं। गांवों के मार्गों से दिन-रात रेत मिट्टी से भरे वाहनों से ग्रामीण परेशान हैं।

वहीं पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। जिले की सभी तहसीलों में अवैध खनन का काम खूब पनप रहा है। बारिश होने के बाद खनन के धंधेबाजों ने कोसी नदी के चौहद्दा, बेलवाड़ा, जमना जमनी, घोसीपुरा पट्टीकला और फाजलपुर घाटों पर कब्जा जमा लिया है। प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर एआरटीओ तक इस खनन को जड़ से खत्म कर पाने में नाकाम साबित हो रहा है।

पुलिस अधीक्षक की फोर्स कर रही निगरानी
जिले भर के खनन माफिया ने कुछ थाना और चौकी प्रभारियों से अपनी सेंटिग कर रखी है। जिसके दम पर पर खनन से भरे डंपर और डनलप धड़ल्ले से थानों के सामने से निकल जाते हैं। चौराहों पर बैठी पुलिस उनको रोकने का प्रयास तक नहीं करती है। बल्कि जाम में फंसने के कारण पुलिस उनको आनन-फानन में जाम से निकलवा देती है।

कई भाजपा के नेता भी शामिल
कई भाजपा नेता के शामिल होने के कारण भी ऐसे खनन माफियाओं पर अधिकारी कार्रवाई करने से बचती है। क्योंकि कहीं-कहीं खनन माफियाओं को भाजपा के नेताओं को पूरी तरह से संरक्षण मिला हुआ है। कई रोज पहले भी खनन के कई ट्रक पुलिस द्वारा पकड़े गए थे। जिसके बाद एक भाजपा नेता का पुलिस के पास फोन पहुंच गया और उसके बाद पुलिस ने उन ट्रकों को छोड़ दिया।

शासन स्तर से कई अधिकारियों पर हो चुकी कार्रवाई
खनन को रोक पाने में शासन स्तर से रामपुर के कई अधिकारियों पर कार्रवाई तक हो चुकी है लेकिन उसके बाद भी मौजूदा समय के अधिकारी खनन को रोकपाने में नाकाम साबित हो रहे है। कार्रवाई नहीं होने से माफियाओं के हौंसले बुलंद है।