लखीमपुर-खीरी: शिक्षक नहीं बता पाए केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या

लखीमपुर-खीरी, अृमतविचार। जिले में माध्यमिक शिक्षा की स्थिति बदहाल है। हालत यह है कि जहां तमाम बच्चों को अपने जिले का नाम तक पता नहीं है वहीं देश में कितने केंद्र शासित प्रदेश हैं यह जानकारी कई शिक्षकों को भी नहीं है। यह बात डीआईओएस के निरीक्षण में सामने आई है। निरीक्षण में कई शिक्षक …
लखीमपुर-खीरी, अृमतविचार। जिले में माध्यमिक शिक्षा की स्थिति बदहाल है। हालत यह है कि जहां तमाम बच्चों को अपने जिले का नाम तक पता नहीं है वहीं देश में कितने केंद्र शासित प्रदेश हैं यह जानकारी कई शिक्षकों को भी नहीं है। यह बात डीआईओएस के निरीक्षण में सामने आई है। निरीक्षण में कई शिक्षक अनुपस्थित भी मिले है। डीआईओएस ने सभी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया है और शिक्षण व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए है।
डीआईओएस डा ओपी त्रिपाठी ने शनिवार को शैक्षिक अनुश्रवण गुणवत्ता के तहत बल्देव बैदिक इंटर कालेज पलिया का निरीक्षण किया। यहां सात शिक्षक अनुपस्थित थे। 1133 विद्यार्थियों के सापेक्ष केवल 779 विद्यार्थी उपस्थित थे। विद्यालय में शिक्षण कार्य चल रहा था इसलिए डीआईओएस ने बच्चों से भी संवाद किया।
कक्षा आठ के विद्यार्थियों को ए, एन तथा द आर्टिकिल की कोई जानकारी नहीं थी। कक्षा छह के विद्यार्थी संस्कृत में छह को क्या कहते हैं यह नहीं बता पाए। एक छा़त्रा से जिले का नाम पूछा तो उसने पचपेड़ा बताया जो उसके गांव का नाम है। कक्षा दस के विद्यार्थियों से सबसे लंबे समुद्री तट वाले प्रदेश का नाम पूछा इस पर आर्यन कश्यप ने सही जवाब दिया उसकी सराहना की। यहां भारत में केंद्र शासित प्रदेश कितने यह पूछने पर कक्षा दस का कोई विद्यार्थी नहीं बता पाया।
डीआईओएस को आश्चर्य तक हुआ जब गुुरूजी ने भी केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या नौ बताई। डीआईओएस ने गुरूजी को चेतावनी दी कि भविष्य में यह स्थिति न आए अपने आप को अपडेट करें। यहां डीआईओएस ने कई और प्रश्न विद्यार्थियों से किए लेकिन बच्चे कई प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर नहीं पाए। इस पर डीआईओएस ने असंतोष व्यक्त किया।
डीआईओएस ने निर्देश दिए कि बच्चों को रटाने के बजाय उनके सीखने की प्रक्रिया पर जोर दिया जाए। बच्चों को ब्लैक बोर्ड तक लाया जाए और अभिव्यक्ति का अवसर दिया जाए। इसके अलावा डीआईओएस ने अनुपस्थित शिक्षकों को नोटिस देकर स्पष्टीकरण तलब किया है।