गरमपानी: छह साल से सड़क न बनने से गुस्साए लोग, राजमार्ग पर फेंकी सब्जियां

गरमपानी: छह साल से सड़क न बनने से गुस्साए लोग, राजमार्ग पर  फेंकी सब्जियां

गरमपानी, अमृत विचार। पहाड़ में काश्तकार के हाल अभी भी बुरे हैं। गांव तक सड़क न पहुंच पाने की वजह से काश्तकारों को खेतों की फसल बेचने में परेशानी हो रही है। सड़क न होने से गुस्साए रामगढ़ ब्लॉक के सिरसा गांव के काश्तकारों ने खेतों से सब्जियों को उखाड़ फेंक दिया। रामगढ़ ब्लॉक के …

गरमपानी, अमृत विचार। पहाड़ में काश्तकार के हाल अभी भी बुरे हैं। गांव तक सड़क न पहुंच पाने की वजह से काश्तकारों को खेतों की फसल बेचने में परेशानी हो रही है। सड़क न होने से गुस्साए रामगढ़ ब्लॉक के सिरसा गांव के काश्तकारों ने खेतों से सब्जियों को उखाड़ फेंक दिया।

रामगढ़ ब्लॉक के सिरसा गांव को जोड़ने वाली सड़क के छह साल बाद भी गांव तक नहीं पहुंचने पर आखिरकार ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया। सड़क नहीं पहुंचने से गांव में बर्बाद हो रही सब्जियों को राजमार्ग पर फेंककर विरोध जताया। काश्तकारों ने आने वाले दिनों में आंदोलन को और ज्यादा उग्र करने की चेतावनी दी है। यहां साल 2015 में करीब 70 लाख रुपए से अल्मोड़ा-भवाली राजमार्ग से करीब 100 से ज्यादा परिवारों के सिरसा गांव को राजमार्ग से जोड़ने के लिए 1.75 किमी रोड स्वीकृत हुई थी।

जब रोड स्वीकृत हुई तो यहां ग्रामीणों ने सोचा कि अब उनके अच्छे दिन आएंगे। जहां लोग सड़क मार्ग के जरिए राजमार्ग से जुड़ जाएंगे वहीं ग्रामीणों को अब खेतों की उपज को बेचने में आसानी होगी। हालांकि ग्रामीणों की सोच गलत साबित हुई। लगातार अनदेखी और लापरवाही के चलते छह साल बाद भी स्वीकृत हो चुकी सड़क का निर्माण नहीं हो पाया। अब भी सड़क गांव से करीब आठ सौ मीटर दूर है। ग्रामीण कई बार आवाज उठा चुके हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। गुरुवार को आखिरकार किसानों का पारा चढ़ गया। ग्राम प्रधान इंदु जीना के नेतृत्व में किसानों ने गांव में बर्बाद हो रही सब्जियों और फसल को हाईवे पर फेंककर विरोध जताया। ग्रामीणों ने कहा की गांव तक सड़क निर्माण तो आज तक पूरा नहीं हो पाया।

गांव के पैदल रास्ते तक बंद हो चुके हैं जिस कारण उपज गांवों में ही बर्बाद हो रही है। इस दौरान शोभा जीना, मंजू जीना, नंदी देवी, खष्टी देवी, बबीता, पार्वती देवी, राधिका देवी, विपिन गुरुरानी, कुबेर जीना, नवीन चंद, महेश तिवारी, राजेंद्र सिंह, आनंद सिंह, नारायण सिंह, खुशाल सिंह, गोपाल सिंह, मनोज कुमार, किसन राम, हीरा लाल, रमेश बिष्ट आदि मौजूद रहे।

अंत्येष्टि होने पर शव को दस किमी दूर ले जाना पड़ता है
गांव तक सड़क नहीं होने की वजह से लोगों को हर तरह की दिक्कत हो रही है। किसी की मृत्यु होने पर अंत्येष्टि के लिए दस किमी अतिरिक्त दूरी तय कर श्मशान घाट जाना पड़ रहा है। किसी शव के दाह संस्कार के लिए दूरी की वजह से पूरा दिन लग जाता है।

लोगों का सब्र टूट चुका है-प्रधान
सिरसा गांव की प्रधान इंदु जीना का कहना है कि अब ग्रामीणों का सब्र टूट चुका है। गांव तक के लिए सड़क निर्माण नहीं होना यह दर्शाता है कि प्रशासन और सरकार गांवों का विकास करने के लिए कितने सजग हैं। कहा कि जब तक सड़क का निर्माण नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा।

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