रामपुर : हिदी दिवस पर रजा लाइब्रेरी में लगी पांडुलिपियों की प्रदर्शनी
रामपुर, अमृत विचार। रजा लाइब्रेरी में हिन्दी दिवस के अवसर पर दुर्लभ पाण्डुलिपियों एवं मुद्रित पुस्तकों की प्रदर्शनी का उद्घाटन डा. अरूण कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं डा. अबुसाद इस्लाही लाइब्रेरी एवं सूचना अधिकारी ने किया। इस अवसर पर डा. अरूण कुमार ने कहा कि 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा …
रामपुर, अमृत विचार। रजा लाइब्रेरी में हिन्दी दिवस के अवसर पर दुर्लभ पाण्डुलिपियों एवं मुद्रित पुस्तकों की प्रदर्शनी का उद्घाटन डा. अरूण कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं डा. अबुसाद इस्लाही लाइब्रेरी एवं सूचना अधिकारी ने किया। इस अवसर पर डा. अरूण कुमार ने कहा कि 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 343 में हिन्दी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया। हिन्दी भारतीय संस्कृति का प्रतिबिम्ब है हमारी राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है।
दरबार ए हाल में लगी प्रदर्शनी का उदघाटन करने से पूर्व डा. अरुण कुमार ने हिन्दी के उत्थान एवं प्रचार के लिए रामपुर रज़ा लाइब्रेरी की प्रशंसा करते हुए निदेशक रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के लिए सहृदय आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डा. अबुसाद इस्लाही, लाइब्रेरी एवं सूचना अधिकारी ने कहा कि हिन्दी दिवस मनाया जाना बहुत जरूरी है। विदेशों से आने वाले लोग भारत में अपनी भाषा ही बोलते है लेकिन हमें भी अपनी हिन्दी भाषा पर गर्व करना चाहिए और इसका ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए।
रज़ा लाइब्रेरी में बहुत सी पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद हुआ है अनुवाद के माध्यम से हर वर्ग को एक दूसरे की संस्कृति को समझने का अवसर प्राप्त होता है। रामपुर रज़ा लाइब्रेरी यह कार्य काफी समय से कर रही है और आगे भी करती रहेगी। कहा कि मारीशस में आयोजित 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के हिन्दी प्रकाशनों की वहां आये विद्वानों, शोधकर्ताओं, साहित्यकारों ने बहुत अधिक प्रशंसा की थी। कहा कि पुस्तक प्रदर्शनी 14 से 28 सितम्बर 2021 तक प्रदर्शित की जायेगी।
इस अवसर पर पदमावत्, संगीत दर्पण, आर्ष रामायण, श्रीमदभागवत महापुराण (दशम स्कन्द), श्रीमद्भगवत महापुराण (एकादश स्कन्द), अंगदर्पण, नादिराते शाही, नवाब रज़ा अली खां के पुत्र की जन्मपत्री पाण्डुलिपियों एवं हिन्दी में अनुवादित कुरान मजीद, चारों वेद (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद,अथर्ववेद), साखी, सबद रमैनी, हिन्दी और भारतीय भाषाएं, हिन्दी में बाल साहित्य, राजभाषा सहायिका, गोस्वामी तुलसीदास, हिन्दी कहानी, महादेवी का गद्य, जायसी ग्रंथावली, सन्त कबीर और उनका दर्शन इत्यादि पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया है।