अब रोपवे के जरिए निहार सकेंगे महादेव की नगरी, जाम से भी मिलेगी मुक्ति

अब रोपवे के जरिए निहार सकेंगे महादेव की नगरी, जाम से भी मिलेगी मुक्ति

वाराणसी। महादेव की नगरी काशी में अब जल्द ही आप रोपवे में सवार होकर न केवल वहां की चीजों को निहार सकेंगे, बल्कि कैंट स्टेशन से बाबा विश्वनाथ और मां गंगा और उसके घाट तक महज कुछ मिनटों में आसानी से पहुंच भी सकेंगे। माना जा रहा है कि करीब एक महीने के अंदर ही …

वाराणसी। महादेव की नगरी काशी में अब जल्द ही आप रोपवे में सवार होकर न केवल वहां की चीजों को निहार सकेंगे, बल्कि कैंट स्टेशन से बाबा विश्वनाथ और मां गंगा और उसके घाट तक महज कुछ मिनटों में आसानी से पहुंच भी सकेंगे। माना जा रहा है कि करीब एक महीने के अंदर ही इसकी शुरुआत हो सकती है।

बता दें कि गंगा, घाट, गलियों वाली पौराणिक काशी तरक्की के साथ कदमताल करते हुए आधुनिक हो रही है। लेकिन शहर के मुख्य रास्तों में चौड़ी सड़कें न होने और गाड़ियों की संख्या बढ़ने के कारण अक्सर जाम से हालात सैलानियों, पर्यटकों और लोगों की दिक्कतें बढ़ा देता है। ऐसे में लंबे समय से शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए नए विकल्प की खोज चल रही थी।

पहले फेज में पांच किमी का रूट

रोपवे के लिए पहले फेज में पांच किमी का रूट तय हुआ है, जो कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक होगा। इस रूट में दो से तीन स्टेशन बनाए जा सकते हैं। अभी स्टेशन, लागत, किराया, यात्रियों की क्षमता आदि तमाम सारी बातों का मंथन बाकी है। इस रूट को इसलिए पहले फेज में चुना गया क्योंकि हर रोज वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन से बड़ी संख्या में टूरिस्ट और सैलानी आकर विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करते हैं और गंगा आरती और घाट की छठा निहारते हैं। ऐसे में बिना किसी जाम में फंसते हुए आसानी से कम समय में यात्री गोदौलिया पहुंच जाएंगे।

ट्रैफिक व्यवस्था लगातार हो रही बेहतर

वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी में लगातार ट्रैफिक व्यवस्था और यातायात साधन बेहतर हो रहे हैं। इससे पहले देश का पहला इनलैंड वाटर रिवर पोर्ट बनारस में बना। हाईवे और रिंगरोड का जाल बिछाया गया है। एयर और रेलवे की कनेक्टिविटी मजबूत हुई और अब रोपवे के जरिए शहर के भीतर ट्रैफिक का एक मजबूत विकल्प जल्द बनारस को मिलने जा रहा है।