बरेली: मृत डाक्टर के नाम पर चल रहा अल्ट्रासाउंड केंद्र

बरेली: मृत डाक्टर के नाम पर चल रहा अल्ट्रासाउंड केंद्र

बरेली, अमृत विचार। जिले में कुछ अल्ट्रासांउड सेंटर का संचालन सरकारी नियमों को ताक पर रखकर हो रहा है। बहेड़ी के कनमन में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें डाक्टर की मौत के चार महीनों बाद भी अल्ट्रासाउंड सेंटर टेक्निशियन की ओर से संचालित किया जा रहा है। हैरत की बात तो यह …

बरेली, अमृत विचार। जिले में कुछ अल्ट्रासांउड सेंटर का संचालन सरकारी नियमों को ताक पर रखकर हो रहा है। बहेड़ी के कनमन में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें डाक्टर की मौत के चार महीनों बाद भी अल्ट्रासाउंड सेंटर टेक्निशियन की ओर से संचालित किया जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी भी नहीं है।

बहेड़ी के कनमन में ओशी क्लीनिक के नाम से अस्पताल संचालित होता है। अस्पताल में डा. अरविंद गंगवार की ओर से अल्ट्रासाउंड किए जाते थे। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डाक्टर अरविंद गंगवार की अप्रैल में मौत हो गई। इसके बाद भी अस्पताल में टेक्निशियन के द्वारा अल्ट्रासाउंड किए जा रहे है। वहीं, 31 अगस्त को अस्पताल का पंजीकरण की सीमा भी समाप्त हो चुकी है। इस संबंध में सीएमओ डा. बलवीर सिंह ने बताया कि डाक्टर के निधन के बाद अल्ट्रासाउंड चलाना गंभीर है। संबंधित अधिकारी को मामले में जांच कर उचित कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

एक्ट के तहत अपराध
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्री कांसेप्शन प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक (पीसीपीएनडीटी) एक्ट 1994 में स्पष्ट निर्देश हैं कि अल्ट्रासाउंड सिर्फ पंजीकृत विशेषज्ञ डाक्टर ही करेंगे। मशीन का संचालन भी डाक्टर को करना है। विशेषज्ञ डाक्टर बहुत ज्यादा किसी सहयोगी को रिपोर्ट लिखने के लिए रख सकते हैं। बिना विशेषज्ञ डाक्टर जांच को एक्ट में अपराध की श्रेणी में रखा जाता है।

डाक्टर के निधन के बाद उनके नाम से अल्ट्रासाउंड नहीं होना चाहिए था। यह अपराध की श्रेणी में आता है। सीएचसी प्रभारी को कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। -डा. आरएन गिरी, नोडल अधिकारी, पीसीपीएनडीटी।