बरेली: धर्मगुरुओं पर अमर्यादित टिप्पणी करने वालों के खिलाफ बने कानून

बरेली, अमृत विचार। मुस्लिम धर्मगुरुओं और धार्मिक पुस्तकों को निशाना बनाए जाने पर मुंबई की रजा एकेडमी इन दिनों सख्त कानून बनाने की मांग कर रही है। अब 41वें उर्स-ए-नूरी के मौके पर सोमवार को तहफ्फुज-ए-नामूस-रिसालत नाम से कान्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। रजा एकेडमी के प्रमुख सईद नूरी ने बताया कि सोमवार …
बरेली, अमृत विचार। मुस्लिम धर्मगुरुओं और धार्मिक पुस्तकों को निशाना बनाए जाने पर मुंबई की रजा एकेडमी इन दिनों सख्त कानून बनाने की मांग कर रही है। अब 41वें उर्स-ए-नूरी के मौके पर सोमवार को तहफ्फुज-ए-नामूस-रिसालत नाम से कान्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।
रजा एकेडमी के प्रमुख सईद नूरी ने बताया कि सोमवार सुबह 11 बजे नूरी गेस्ट हाउस में आयोजित होने वाली कान्फ्रेंस में तमाम उलमा एकत्र होकर तहफ्फुज-ए-नामूस-ए-रिसालत कानून पर चर्चा करेंगे। रविवार को एकेडमी के अध्यक्ष सईद नूरी ने नबीरे आला हजरत मौलाना तौसीफ रजा खां के साथ प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी रोकने के लिए कानून की मांग दोहराई गई। कहा कि हमारी मांग है कि किसी भी धर्म या उनके धर्मगुरुओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियों का सिलसिला रुकना चाहिए।
सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि मौलाना तौसीफ रजा खां कान्फ्रेंस की सदारत करेंगे। सिलसिले में रजा एकेडमी महाराष्ट्र और राजस्थान सरकार को अपना मांग पत्र भी दे चुकी है। संसद तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए बीते दिनों आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को एक मांग पत्र भी सौंपा था।