लखीमपुर खीरी: गौशाला में भूख-प्यास से चार पशुओं की मौत
मैगलगंज-खीरी/लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। पसगवां विकास खंड के बाइकुआं गांव में स्थित अस्थाई गौशाला गौवंश की कब्रगाह बनती जा रही है। भूख प्यास से बिलबिलाते पशु तड़पकर मरने को विवश हैं लेकिन इन जिम्मेदार कान में तेल डालकर आंखे बंद किये हुए हैं। गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते बुधवार को तीन गायों व एक बछड़े …
मैगलगंज-खीरी/लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। पसगवां विकास खंड के बाइकुआं गांव में स्थित अस्थाई गौशाला गौवंश की कब्रगाह बनती जा रही है। भूख प्यास से बिलबिलाते पशु तड़पकर मरने को विवश हैं लेकिन इन जिम्मेदार कान में तेल डालकर आंखे बंद किये हुए हैं। गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते बुधवार को तीन गायों व एक बछड़े ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। जबकि एक दिन पूर्व ही बीडीओ पसगवां ने गौशाला का निरीक्षण किया था।
बाइकुआं गांव में स्थित अस्थाई गौशाला में लगभग तीन सौ गौवंश की देखभाल रामभरोसे है। ग्राम पंचायत अधिकारी व मैगलगंज पशु चिकित्साधिकारी के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते इन गौवंश को न ही पेट भर चारा मिल पा रहा है और न ही उपचार। इन्हें सिर्फ सूखे भूसे का ही सहारा है। इन पशुओं को कभी कभी सूखा भूसा व प्यास बुझाने के लिए पानी तक मयस्सर नहीं हो पाता। भूख व प्यास से बिलबिलाते यह बेजुबान धीरे धीरे बीमार हो रहे हैं। जिनके इलाज की जिम्मेदारी भी स्थानीय पशु चिकित्सक द्वारा निर्वहन नहीं की जा रही है।
जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के चलते आखिरकार बुधवार को पांच घंटे के अंतराल में तीन गायों व एक बछड़े की तड़प तड़प कर मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार दोपहर बीडीओ पसगवां प्रदीप चौधरी गौशाला पहुंचे थे। उन्होंने इन बीमार व कमजोर गौवंश की हालत देख उप जिला चिकित्साधिकारी मितौली अनुपम सिंह को गौशाला बुलाया था और गौवंश का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उपचार शुरू कराया था लेकिन काफी दिनों से भूख प्यास से कमजोर हो चुके गौवंश की जान नहीं बच सकी। अभी भी कई पशु मरणासन्न हालत में तड़प रहे हैं।
बतादें कि 3 अगस्त को डीपीआरओ शौभ्य शील सिंह भी पसगवां ब्लॉक की ग्राम पंचायतों के निरीक्षण के दौरान बाइकुआं गौशाला पहुंचे थे। उन्हें गौवंश को दिया जाने वाला हरा चारा सड़ा हुआ मिला था। इसके अलावा भी उन्होंने तमाम खामियों को देखते हुए ग्राम सचिव पर नाराजगी जाहिर की थी। लेकिन उसके बावजूद गौशाला की खामियों में कोई सुधार नहीं किया गया। जिम्मेदार ग्राम सचिव व पशु चिकित्सक की लापरवाही के चलते चार बेजुबानों की मौत हो गई।
गौशाला की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया तो मौतों का सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है। इस बावत बीडीओ पसगवां व उप जिला पशु चिकित्साधिकारी मितौली से बात करनी चाही गई तो दोनों जिम्मेदारों ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।
मै अभी जनपद में आया हूं इस लिए मुझे गौशाला के बारे में सही जानकारी नही हैं कि वहां की स्थिति क्या है। गौवंश की मौत कैसे हुई है इसकी जांच करने के लिए सबंधित क्षेत्र के चिकित्साधिकारी के साथ अधिकारियों की टीम मौके पर भेजी गई है। जिले भर में जितनी भी गौशालाएं है। सभी का निरीक्षण किया जाएगा। -अनिल कुमार सिंह, सीडीओ
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